एनकाउंटर की खबर सुनकर विकास दुबे की पत्नी ऋचा का हुआ बुरा हाल, लगाई यह गुहार
बताया जा रहा है कि ऋचा को पुलिसकर्मियों ने नहीं बताया कि विकास एनकांउटर में मारा गया है। ऋचा को पुलिसकर्मियों के बर्ताव से शक हुआ जिसके बाद उसे अहसास हो गया कि विकास का एनकांउटर हो गया है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश का सबसे खतरनाक गैंगस्टर और कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। विकास के एनकाउंटर के बाद उसकी मां सरला दुबे ने कानपुर जाने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनका विकास दुबे से कोई संबंध नहीं हैं। वहीं उसकी पत्नी ऋचा दुबे यह खबर सुनते ही फूट-फूट कर रोने लगी। बताया जा रहा है कि ऋचा को पुलिसकर्मियों ने नहीं बताया कि विकास एनकांउटर में मारा गया है।
ऋचा को पुलिसकर्मियों के बर्ताव से शक हुआ जिसके बाद उसे अहसास हो गया कि विकास का एनकांउटर हो गया है। इसके बाद ऋचा फूटकर रोने लगी। सूत्रों ने बताया कि वह पुलिसकर्मियों से कहती रही कि बस एक बार विकास का चेहरा दिखा दो।
बता दें कि ऋचा दुबे और उसके बेटे को गुरुवार शाम एसटीएफ ने लखनऊ के कृष्णानगर से पकड़ा था। जानकारी के मुताबिक विकास दुबे की पत्नी और बेटे को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार के मुताबिक ऋचा की पूरे मामले में कोई भूमिका नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि वारदात के समय ऋचा मौके पर नहीं थी।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार होने के बाद विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही यूपी एसटीएफ का वाहन कानपुर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी वाहन में विकास दुबे भी सवार था। बताया जा रहा है कि वाहन पलटने के बाद विकास पुलिस कर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई जिसमें विकास दुबे की मौत हो गई।
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने एनकाउंटर की पुष्टि करते हुए कहा कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों का हथियार छीनकर भाग निकला। उसे सरेंडर करने का मौका दिया गया था, लेकिन विकास दुबे ने फायरिं शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई है।
विकास दुबे का अपराध जगत से गहरा नाता रहा है। राजनीति संरक्षण के कारण उसका अपराध फलता-फूलता रहा। अपने संरक्षण के लिए राजनीति का भी उसने चोला ओढ़ रखा था। इसके खिलाफ 60 अपराधिक मुकदमें दर्ज थे। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था।
वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप था।