लखनऊ: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ पुराने लखनऊ के घंटाघर इलाके में प्रदर्शन कर रही मशहूर शायर मुनव्वर राना की दो बेटियों समेत करीब 160 महिलाओं के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। सीएए और एनआरसी के खिलाफ पुराने लखनऊ के घंटाघर इलाके में महिलाओं का गत शुक्रवार को शुरू हुआ प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है।
शहर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है और इसके उल्लंघन के आरोप में प्रदर्शन कर रही करीब 160 महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अपर पुलिस उपायुक्त—पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने मंगलवार को बताया कि शहर में धारा 144 लागू है, मगर इसके बावजूद महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। यह निषेधाज्ञा का उल्लंघन है।
इस मामले में ठाकुरगंज थाने में अब तक तीन मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इनमें एक मुकदमे में शायर मुनव्वर राना की बेटियां फौजिया और सुमैया के नाम भी शामिल हैं। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर घंटाघर परिसर में सैकड़ों महिलाएं पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शन कर रही हैं। उनका कहना है कि सरकार जब तक सीएए को वापस नहीं लेती और एनआरसी का इरादा खत्म नहीं करती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। उधर, लखनऊ के ही गोमतीनगर स्थित उजरियांव में भी सोमवार शाम बड़ी संख्या में महिलाओं और लड़कियों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने उनसे धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए प्रदर्शन खत्म करने को कहा। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल पुरुषों को हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ दिया, मगर महिलाएं डटी रहीं।
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