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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश आवारा मवेशियों ने उजाड़ दी थी फसल, फतेहपुर में किसान ने खेत में फांसी लगाकर दी जान

आवारा मवेशियों ने उजाड़ दी थी फसल, फतेहपुर में किसान ने खेत में फांसी लगाकर दी जान

यूपी के फतेहपुर जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के वलीपुर रमसगरा गांव के मजरे रामपुर में मंगलवार को हरिश्चंद्र निषाद नाम के एक किसान ने खेत में लगे नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली।

Fatehpur Farmer Suicide, Fatehpur Farmer, UP Farmer Suicide, Uttar Pradesh Farmer Suicide- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL यूपी के फतेहपुर में हरिश्चंद्र निषाद नाम के एक किसान ने खेत में लगे नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली।

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के वलीपुर रमसगरा गांव के मजरे रामपुर में मंगलवार को हरिश्चंद्र निषाद नाम के एक किसान ने खेत में लगे नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। बाद में जब ग्रामीणों ने पेड़ से लटके हरिश्चंद्र के शव को देखा तो उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी दी। मृत किसान के बेटे ने कहा कि वह आवारा मवेशियों द्वारा अपनी फसल के नुकसान को लेकर दुखी थे, और संभवत: इसी गम में उन्होंने अपनी जान दे दी।

‘सुबह जंगल गए ग्रामीणों ने देखी लाश’
किशनपुर थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) पंधारी सरोज ने बताया, ‘वलीपुर रमसगरा के मजरे रामपुर में हरिशचंद्र निषाद (60) मंगलवार की तड़के करीब 4 बजे घर से आवारा मवेशियों से फसल की रखवाली करने खेत गया था। सुबह करीब 6:30 पर जंगल गए ग्रामीणों ने उसका शव खेत की मेड़ में लगे नीम के पेड़ पर फंदे से लटका देख परिजनों को जानकारी दी।’ मृत किसान के बेटे छबिनाथ ने पुलिस को बताया कि ‘आवारा मवेशियों ने फसल उजाड़ दी थी। संभवतः इसी से दुःखी होकर पिता ने आत्महत्या की है।’

‘शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया’
थाना प्रभारी पंधारी सरोज ने बताया, ‘किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना राजस्व अधिकारियों को दे दी गई है और शव पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है।’ बता दें कि उत्तर प्रदेश में किसान अक्सर शिकायत करते हैं कि आवारा मवेशी उनकी फसलों को बर्बाद कर देते हैं, जिसके चलते उन्हें आर्थिक तौर पर काफी नुकसान होता है। बीते कुछ महीनों में यह समस्या और भी बड़े स्तर पर सामने आई है, और खेतों में आवारा मवेशियों के झुंड काफी आसानी से नजर आ जाते हैं। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन वे नाकाफी साबित हो रहे हैं।

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