लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज माना कि उसने ग्रामीण क्षेत्र के बिना मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं से पांच प्रतिशत की बजाय 20 प्रतिशत विद्युत शुल्क वसूला और उनसे 523 करोड़ रुपये हासिल किए। ये राशि अगले दो साल में उपभोक्ताओं को वापस कर दी जाएगी। प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ग्रामीण अनमीटर्ड (बिना मीटर वाले) बिजली उपभोक्ताओं के लिए पांच प्रतिशत विद्युत शुल्क तय था, लेकिन बिजली वितरण कंपनियों ने उनसे 20 प्रतिशत शुल्क लिया । इस प्रकार 523 करोड़ रुपये वसूले गये। तय किया गया है कि अगले दो साल में यह राशि उपभोक्ताओं को वापस कर दी जाएगी।
विधानसभा में बसपा के रीतेश पाण्डेय के सवाल के जवाब में शर्मा ने उक्त बात कही । एक अन्य सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि राज्य में 17, 200 मेगावाट बिजली उपलब्ध है और व्यस्त (पीक) दिनों में यह मांग 11, 000 से 14, 500 मेगावाट के बीच रहती है । यह राज्य के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि शहरों में 24 घंटे, तहसील में 20 घंटे और गांवों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के प्रयास के तहत शहरी क्षेत्र में औसतन 23.10 घंटे, तहसील में 20.01 घंटे और गांवों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति हम कर पा रहे हैं ।
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