कानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा को राजनीति से न जोड़ा जाए और न ही उसे भटकाया जाए। बच्चे एक बीज की तरह होते हैं। उन्हें प्रारंभ से ही सही शिक्षा और अच्छे संस्कार दिए जाना अति आवश्यक है, ताकि देश का भविष्य उज्जवल बन सके और वे समाज की सेवा करते हुए निरंतर आगे बढ़ते जाएं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का बयान यूपी बोर्ड का रिजल्ट आने से ठीक एक दिन पहले आया है।
गुरुवार को कानपुर जिला बाल कल्याण समिति द्वारा बाल भवन फूलबाग में आयोजित ग्रीष्मकालीन निशुल्क प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "यह प्रसन्नता की बात है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश का बेहतर उपयोग किया जा रहा है, जिसमें अभी तक 3200 बालक-बालिकाओं ने अपना पंजीकरण कराया है। शिक्षा के दृष्टिकोण में जो परिवर्तन वर्तमान समय में विभिन्न रूप से देखने को मिल रहे हैं, वह खास तौर पर आजादी के बाद स्वत्रंत भारत के लिए स्वप्न के समान थे। वे शीघ्र साकार नहीं हो पाए थे, अब वे पूरे होते दिख रहे हैं।"
इस अवसर पर उन्होंने एक प्रदर्शनी का दीप जलाकर शुभारंभ किया और नवनिर्मित सामग्रियों का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी में फ्लावर मेकिंग, जूट वर्क, बंदनवार, मोती वर्क, क्रोशिया वर्क, सिलाई, ब्यूटीशियन, फैशन डिजाइनिंग से संबंधित कार्यो का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने बालक-बालिकाओं की सराहना करते हुए कहा, "हमने राजनीति में शिक्षा का प्रयोग किया है। यदि शिक्षा को राष्ट्रीयता एवं रचनात्मक के साथ जोड़ा जाता तो शायद कश्मीर घाटी में महीनों बंद पड़ी संस्थाएं आज खुली होतीं। आज कुछ दिशाहीन युवा दूसरों के बहकावे में आकर वहां की शिक्षण संस्थाओं पर पत्थर फेंक रहे हैं, जिसके चलते वहां पठन-पाठन में दिक्कत हो रही है।" उन्होंने कहा कि शिक्षा की दिशा में भटकाव होने के कारण ऐसा हो रहा है।
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