10 से अधिक कोरोना केस वाले जिलों को अभी Lockdown में छूट नहीं: सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन जिलों में 10 या उससे अधिक कोरोना के सक्रिय मामले हैं, उन जनपदों को देशव्यापी बंद के नियमों में छूट नहीं दी जा सकती।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन जिलों में 10 या उससे अधिक कोरोना के सक्रिय मामले हैं, उन जनपदों को देशव्यापी बंद के नियमों में छूट नहीं दी जा सकती। अपर प्रमुख सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने देशव्यापी बंद के दूसरे चरण का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि 19 ऐसे संवेदनशील जिले हैं, जहां 10 या उससे अधिक कोरोना पॉजिटिव केस हैं। वहां के जिलाधिकारी विशेष सजगता और सतर्कता बरतते हुए निर्णय लें।
अवस्थी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में कोई छूट लागू नहीं होगी, वहां सिर्फ मेडिकल, स्वच्छता और डोर स्टेप डिलीवरी की ही अनुमति है। साथ ही डोर स्टेप डिलीवरी में लगे कर्मियों की भी जांच कराने का निर्देश दिया है।
योगी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बंद (लॉकडाउन) का शत-प्रतिशत पालन कराएं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में 10 या उससे अधिक कोरोना के केस एक्टिव हैं, उन जनपदों को नियमों में छूट नहीं दी सकती।
अवस्थी ने बताया कि पूर्वाचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण फिर से शुरू हो गया है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के मानकों का उल्लंघन किसी भी दशा में ना हो। जिला स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट देने के संबंध में मंडलायुक्त, एडीजी, आईजी, डीआईजी, एसएसपी, एसपी, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी और उद्यमियों से संबंधित जनपद के जिलाधिकारी विचार-विमर्श कर लें। भीड़ व अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए।
एक्सप्रेसवे, हाईवे और अन्य निर्माण के संबंध में भी स्थानीय स्तर पर ही जिला प्रशासन द्वारा तय किया जाए। पूर्वाचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण फिर से शुरू हो गया है। इन निर्माण में लगे मजदूरों की भी जांच कराने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव (गृह) ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोटा से 10,500 से अधिक छात्रों को प्रदेश में लाया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में योगी ने निर्देश दिया है कि सभी बच्चों को 14 दिन का होम क्वारंटीन अवश्य किया जाए।
कोटा से यूपी में आने वाली बसों में सवार छात्रों की आगरा बस स्टेशन-झांसी डिपो पर रैपिड जांच कराई गई। उसके बाद वहां से यूपी के विभिन्न जिलों में पहुंचने वाली बसों में सवार कर उनके जनपद के लिए भेज दिया गया। उन जनपदों में भी छात्रों की चेकिंग के लिए एडीएम-सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में बनी जिले की टीम ने छात्र-छात्राओंकी जांच करवाई।