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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश अयोध्या में धर्म सभा: राम मंदिर निर्माण पर चर्चा के लिए हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा; PM मोदी से लेकर भागवत तक जानें आज पूरा घटनाक्रम

अयोध्या में धर्म सभा: राम मंदिर निर्माण पर चर्चा के लिए हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा; PM मोदी से लेकर भागवत तक जानें आज पूरा घटनाक्रम

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की धर्म सभा में शामिल होने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के यहां जुटने का दावा किया गया।

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अयोध्या (उप्र): अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की धर्म सभा में शामिल होने के लिए रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के यहां जुटने का दावा किया गया। एक वरिष्ठ धार्मिक नेता ने कहा कि इसके लिए तिथि की घोषणा अगले साल की शुरुआत में की जायेगी। मंत्रोच्चार के बीच भक्तमाल की बगिया में धर्म सभा को संबोधित करते हुए निर्मोही अखाड़ा के रामजी दास ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए तिथि की घोषणा प्रयागराज में आयोजित होने वाले 2019 कुंभ में की जायेगी। उन्होंने कि यह महज कुछ दिन की बात है इसलिए अनुरोध है कि आप कुछ धैर्य रखें। धर्म सभा स्थल एक उत्सव जैसे रौनक थी और राम भक्त तख्तियों और भगवा झंडों के साथ देखे जा सकते थे। विभिन्न स्थानों पर भगवान राम के भजन बज रहे थे।

11 दिसम्बर को प्रधानमंत्री के उनके साथ बैठने की संभावना

वरिष्ठ धार्मिक नेता राम भट्टाचार्य ने दावा किया कि उन्होंने मंदिर के निर्माण के संबंध में शुक्रवार को एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि 23 नवम्बर को मैं एक वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री से मिला था जिन्होंने आश्वासन दिया कि 11 दिसम्बर को आदर्श चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री के उनके साथ बैठने की संभावना है और ऐसा फैसला होगा जो राम मंदिर निर्माण का रास्ता खोलेगा। उन्होंने कहा कि एक बार राम मंदिर बनने के बाद यह एक घोषित हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। इस मौके पर भोजन और दवाओं समेत तमाम प्रबंध किये गये थे।

राष्ट्रपति से अयोध्या के घटनाक्रम पर हस्तक्षेप करने की मांग

ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत (एआईएमएमएम) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अयोध्या के घटनाक्रम में उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह यहां राम मंदिर के निर्माण के लिए शिवसेना की तरफ से बनाये जा रहे दबाव को उचित नहीं मानते है। उन्होंने कहा कि मंदिर आंदोलन में पार्टी (शिवसेना) की कोई भूमिका नहीं थी। रैली के मद्देनजर यहां पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को मोदी सरकार को कुंभकर्ण जैसी नींद से जागने और मंदिर के निर्माण के लिए तारीख की घोषणा करने के लिए कहा।

मोहन भागवत- सरकार पर दबाव बनाकर कानून लाने की मांग

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए हिंदुओं को हिंसा करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें दृढ़ होना चाहिए कि सरकार इसके लिए कानून बनाए। भागवत ने विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा में कहा, "हमें लड़ने की जरूरत नहीं है, लेकिन दृढ़ होने की जरूरत है। हमें ऐसा माहौल बनाना होगा कि सरकार को अब मंदिर बनाना चाहिए। हमें अब सरकार से इसके लिए कानून बनाने की मांग करनी है। हमें सरकार पर दवाब बनाने की जरूरत है।"

VHP ने कहा- राम मंदिर के सिवाय 1 इंच भी जमीन नहीं देंगे

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को कहा कि वे राम मंदिर के सिवाय किसी और चीज के लिए एक इंच भी जमीन नहीं देंगे और इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड से इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के तहत विवादास्पद जमीन के बंटवारे को लेकर दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की। दक्षिणपंथी संगठन के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने यहां अयोध्या में जमा बड़ी संख्या में एकत्रित समर्थकों से यह बात कही। उन्होंने 75,000 लोगों के समक्ष कहा, "हमें जमीन का बंटवारा स्वीकार नहीं है और हम भगवान राम के लिए पूरी जमीन चाहते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि हिदू विवादास्पद जमीन के किसी भी टुकड़े पर 'नमाज' अता करने को स्वीकार नहीं करेगा।

राय ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी को भी हिंदू समुदाय के धर्य का परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे लोग बीते 490 वर्षो से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। विहिप नेता ने कहा, "कुछ बुद्धिमान लोग सोचते हैं कि पूरा मामला 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद शुरू हुआ..वे अज्ञानी हैं..मामला 490 वर्ष पुराना है।" राय ने कहा कि राममंदिर के निर्माण के लिए यह इस तरह की अंतिम सभा है और संगठन अब अगला कदम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए उठाएगा।

शिवसेना ने कहा- भाजपा दुविधा में रही तो सत्ता में नहीं आ पाएगी

राम मंदिर के निर्माण को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार इसे लेकर अगर इस बार दुविधा में रही तो वह 2019 में सत्ता में नहीं आ पाएगी। उन्होंने कहा, "सरकार बने या न बने, मंदिर जरूर बनना चाहिए।" रामलला के 30 मिनट तक दर्शन करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि इस मामले में किसी को भी हिंदुओं की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए। ठाकरे ने कहा, "हिंदुओं को पीटे जाने की बात अब अतीत हो चुकी है, हिंदू अब शक्तिशाली हैं और उनके पास आवाज है।"

PM मोदी ने कांग्रेस पर लगाया मंदिर निर्माण में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में अवरोध उत्पन्न करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में देर करने की नीति अपनाने और न्यायाधीशों को महाभियोग से डराने का खतरनाक खेल खेलने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने यहां एक चुनावी जनसभा संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीति में सबसे ज्यादा गिर गई है।

मोदी ने कहा, "कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को राज्यसभा भेजा, जहां हमारे पास बहुमत नहीं है..जहां आंकड़े अलग हैं। इसीलिए कांग्रेस ने दूसरी रणनीति अपनाई है।" उन्होंने कहा, "जब अयोध्या का मामला चल रहा था, कांग्रेस के एक नेता और राज्यसभा सदस्य सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले की सुनवाई 2019 तक रोकने के लिए बोल रहे थे, क्योंकि तब तक कई चुनाव होने हैं।" मोदी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का हवाला दे रहे थे, जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने का आग्रह कर रहे थे।

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