उन्नाव मामला: घायल पीड़िता से मिलीं मालीवाल, इलाज के लिए दिल्ली भेजने की मांग
मालीवाल ने 'भाषा' से बातचीत में कहा कि उन्होंने पीड़िता से मुलाकात की है और उसने तथा उसके परिजनों ने उसकी हत्या की साजिश के तहत यह हादसा कराए जाने का आरोप लगाया है।
लखनऊ/दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता से लखनऊ स्थित एक अस्पताल में मुलाकात की, जहां सड़क दुर्घटना के बाद उसे भर्ती कराया गया है। मालीवाल ने कहा कि पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए विमान से दिल्ली ले जाया जाना चाहिए क्योंकि उसकी हालत ‘‘गंभीर’’ है।
पुलिस ने बताया कि भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की रविवार को रायबरेली के गुरबख्श गंज क्षेत्र में एक ट्रक और कार के बीच टक्कर में घायल हो गई थी। इस घटना में उसकी मौसी और चाची की मौत हो गई थी। दुर्घटना में पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह भी घायल हो गए थे। हादसे के समय पीड़िता परिवार के सदस्यों और अपने वकील के साथ कार में सवार होकर रायबरेली की जेल में एक मामले में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी।
मालीवाल ने 'भाषा' से बातचीत में कहा कि उन्होंने पीड़िता से मुलाकात की है और उसने तथा उसके परिजनों ने उसकी हत्या की साजिश के तहत यह हादसा कराए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह उस लड़की को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ेंगी।
मालीवाल ने ट्विटर पर पोस्ट किया, ‘‘मैं उन्नाव पीड़िता, वकील और डॉक्टर से मिली। डॉक्टर ने बताया कि लड़की और वकील की स्थिति बहुत नाजुक है और बचने के आसार कम हैं। डॉक्टरों का मानना है कि उन्हें इलाज के लिए तुरंत विमान से दिल्ली के सबसे बेहतर अस्पताल में ले जाया जाना चाहिए। परिवार भी यही चाहता है। अस्पताल से मैं बात कर रही हूँ। यह ज़िम्मेदारी हम उठाएंगे।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार से कोई भी पीड़िता से अब तक मिलने नहीं आया है। उन्होंने ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा, ‘‘योगी आदित्यनाथ सरकार से अब तक परिवार से मिलने के लिए कोई नहीं आया। डीजीपी कह रहे हैं कि यह दुर्घटना थी। योगी आदित्यनाथ जी अस्पताल आकर देखिये। कुलदीप सेंगर की विधायकी छीनी जानी चाहिए। मामला उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और 15 दिन के अंदर सेंगर को फांसी दी जानी चाहिए। आज वह बच गया तो देशभर की निर्भया हताश हो जाएंगी।’’
पत्रकारों से बात करते हुए दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख ने आरोप लगाया कि राज्य में ‘‘गुंडाराज’’ है। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता के परिवार का मानना है कि यह घटना हादसा नहीं, बल्कि ‘‘साजिश’’ है। उन्होंने कहा कि लड़की और उसके परिवार को न्याय मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आयोग लड़ाई लड़ेगा। सेंगर को पिछले साल 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जेल में है। आदित्यनाथ को लिखे पत्र में डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने पीड़ितों से मुलाकात नहीं करने या उनका हालचाल जानने के लिए अपने किसी मातहत को नहीं भेजने को लेकर उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री की आलोचना की।
उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी सबूत साजिश की ओर इशारा करते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले को महज ‘हादसा’ बताने की कोशिश में जुटी है और घटना की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। पत्र में मालीवाल ने मुख्यमंत्री से अपील की कि मानवता के हित में 24 घंटे के अंदर सेंगर की पार्टी और विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि हादसे में पीड़िता की चाची (50) ने स्थानीय अस्पताल में दम तोड़ दिया था। वहीं, हादसे में घायल उसकी मौसी (45) को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था।
सूत्रों ने कहा कि इस घटना में घायल वकील महेंद्र सिंह की हालत बेहद नाजुक है और वह ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर पर हैं। वहीं, विधायक सेंगर पर आरोप लगाने वाली लड़की की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। दोनों लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती हैं।
रायबरेली के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि घटना के वक्त कार काफी रफ्तार में थी और वह आगे जा रहे ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश में सामने से आ रही एक दूसरी कार से टक्कर को टालने का प्रयास करते हुए ट्रक में पीछे से जा टकराई। यह हादसा बारिश के बीच हुआ।
घटना की सूचना मिलने पर उन्नाव के पुलिस अधीक्षक माधव प्रसाद वर्मा के निर्देश पर माखी थाने के इंस्पेक्टर के साथ लड़की का भाई और तीन बहनें ट्रॉमा सेंटर पहुंच गईं। लड़की ने वर्ष 2017 में उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले में सेंगर को गिरफ्तार किया गया था। मामले की सीबीआई जांच की जा रही है और इस वक्त सेंगर जेल में है। लड़की द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित सरकारी आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश किए जाने के बाद यह मामला प्रकाश में आया था।