नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान जारी है। फिर भी कोरोना वैक्सीन को लेकर कई सवाल बने हुए हैं। अब रमजान भी शुरू होने वाले हैं। ऐसे में कई लोग रमजान में महीने भर तक रोजा रखेंगे। अब लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि इस दौरान वैक्सीन लगवाने पर रोजा तो नहीं टूट जाएगा? ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग असमंजस में हैं कि रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन लें अथवा नहीं।
इसे लेकर दारूल उलूम फरंगी ने फतवा जारी कर कहा है कि रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन ली जा सकती है। दारूल उलूम फरंगी ने अपने फतवे में कहा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से रोजा नहीं टूटता है इसलिए रमजान के महिने में रोजे की हालत में वैक्सीन ली जा सकती है। फतवे में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन इंसानी बदन की रगों में दाखिल होती है पेट के अंदर नहीं इसलिए इसके लगवाने से रोजा नहीं टूटता है।
दारूल उलूम ने अपने फतवे में कहा है कि मुसलमानों को केवल रोजे की वजह से कोविड-19 वैक्सीन लगवाने में देर नहीं करना चाहिए। दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती आरिफ कासमी का कहना है कि दूसरे इंजेक्शनों की तरह कोरोना वैक्सीन भी इंजेक्शन है। रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन लेने में कोई हर्ज नहीं है।
Image Source : Darul Ulumदेश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान जारी है। फिर भी कोरोना वैक्सीन को लेकर कई सवाल बने हुए हैं।
तंजीम अब्ना ए दारुल उलूम देवबंद के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन नहीं ली जा सकती, जो सरासर गलत है। कोरोना वैक्सीन खाने-पीने की चीज नहीं बल्कि इंजेक्शन है। इसे लगवाने से रोजे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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