दारूल उलूम देवबंद ने सैनेटाइजर को लेकर जारी किया फतवा, कहा कोरोना से बचाव के लिए जरूरी
इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र दारूल उलूम देवबंद ने सैनेटाइजर के इस्तेमाल को लेकर फतवा जारी किया है ।
सहारनपुर। इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र दारूल उलूम देवबंद ने सैनेटाइजर के इस्तेमाल को लेकर फतवा जारी किया है । दारूल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि फतवा विभाग ने देश के मौजूदा हालात और कोरोना वायरस से बचाव के लिये सैनेटाइजर के प्रयोग को सही करार दिया है। जारी फतवे मे बताया गया है कि देश मे इस समय कोरोना वायरस माहमारी फैली हुई है। ऐसे में मस्जिदों के अन्दर अल्कोहल युक्त सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना गलत नहीं है।
बरेली से जारी फतवे में सैनेटाइजर के प्रयोग को नाजायज करार दिया गया था, जिससे एक सशंय की स्थिति बन गयी थी । उस्मानी ने बताया कि दारूल उलूम ने हालात और मजबूरी के मद्देनजर सैनेटाइजर के प्रयोग को सही ठहराया है। बता दें कि सैनेटाइजर में अल्कोहल होने के चलते कई मुस्लिम संगठनों ने इसके इस्तेमाल से परहेज करने को कहा था। वहीं सोशल मीडिया पर भी इसे इस्तेमाल न करने और इससे जुड़े धार्मिक कारणों से जुड़ी अफवाहें वायरल हो रही थीं।
रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक प्रतिबंध
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि देश में जारी ‘अनलॉक-1’ के दौरान रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन राजमार्गों पर यात्रियों को ले जाने वाली बसों और माल ढोने वाले ट्रकों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों को भेजे संदेश में यह भी कहा कि रात के दौरान लोगों की गतिविधियों पर रोक लगाने का उद्देश्य प्राथमिक रूप से लोगों को एकत्र होने से रोकने और भौतिक दूरी सुनिश्चित करने पर केंद्रित है, लेकिन इसका उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला और साजो-सामान को लाने-ले जाने पर रोक का नहीं है।
उन्होंने कहा कि देशभर में आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर गृह मंत्रालय ने रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। भल्ला ने कहा कि गृह मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ राज्य और केंद्रशासित प्रदेश रात नौ बजे से सुबह पांच बजे के बीच राजमार्गों पर लोगों और वाहनों की की गतिविधियों पर रोक लगा रहे हैं जिससे उनके सुगम आवागमन में समस्या उत्पन्न हो रही है।