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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति की महिला ग्राम प्रधान को पहली बैठक में कुर्सी की बजाय फर्श पर बैठाया?

अनुसूचित जाति की महिला ग्राम प्रधान को पहली बैठक में कुर्सी की बजाय फर्श पर बैठाया?

उत्तर प्रदेश में एक नवनिर्वाचित दलित महिला ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है कि उनकी जिले के अधिकारी के साथ पहली बैठक के दौरान कुछ स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उसे जबरन कुर्सी से बेदखल किया गया और फर्श पर बैठाया गया।

Dalit women pradhan forced to sit on ground in very first meeting दलित महिला ग्राम प्रधान को पहली बै- India TV Hindi Image Source : INDIA TV दलित महिला ग्राम प्रधान को पहली बैठक में कुर्सी की बजाय फर्श पर बैठाया?

महोबा. देश में अभी भी जाति के नाम पर भेदभाव का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश में एक नवनिर्वाचित दलित महिला ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है कि उनकी जिले के अधिकारी के साथ पहली बैठक के दौरान कुछ स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उसे जबरन कुर्सी से बेदखल किया गया और फर्श पर बैठाया गया। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के नाथूपुरा गांव की है, जहां हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में 25 वर्षीय सविता देवी अहिरवार को ग्राम प्रधान चुना गया था।

जानकारी के अनुसार, अहिरवार बुधवार को पंचायत भवन में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) पंचायत एवं प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) की मौजूदगी में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे तभी एक रामू राजपूत समेत गांव के कुछ प्रभावशाली लोग पहुंचे और वहां जाकर गाली-गलौच करने लगा।

सविता के अनुसार, "मैं अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक कर रही थी जब रामू, रूपेंद्र, अर्जुन, रवींद्र और छह अज्ञात व्यक्ति कमरे में घुसे। रामू ने मुझे धमकाना शुरू कर दिया और मुझे ग्रामीणों की समस्याओं को उठाने के बजाय उनके निर्देशों का पालन करने के लिए कहा। जब मैंने मना किया तो रामू ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे खिलाफ जातिसूचक गाली देने लगा। फिर उसने मुझे कुर्सी छोड़कर फर्श पर बैठने के लिए मजबूर किया।"

हालांकि, सविता द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में, केवल यह उल्लेख किया गया है कि आरोपी द्वारा उसे अपनी कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, जिसने उसका हाथ पकड़ लिया और जातिवादी गालियां दीं। एडिशनल एसपी महोबा आर.के. गौतम ने कहा, "आरोपी रामू राजपूत और उसके सहयोगियों पर दंगा करने, महिला का शील भंग करने के इरादे से आपराधिक बल का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया गया था और एससी / एसटी अधिनियम के तहत रामू को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

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