असुरक्षा के चलते मेरठ के शोभापुर गांव से दलितों का पलायन
भारत बंद के दौरान मेरठ में काफी हिंसा देखने को मिली थी जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए काफी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
मेरठ: भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद दलित समुदाय खबरों के केंद्र में बना हुआ है। जहां एक तरफ हर विपक्षी राजनीतिक पार्टी और कई बीजेपी सांसद सरकार पर दलितों का उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के एक गांव से दलितों के पलायन की खबरें सामने आ रही है। भारत बंद के दौरान मेरठ में काफी हिंसा देखने को मिली थी जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए काफी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा के पति और पूर्व विधायक योगेश वर्मा को भी पुलिस ने हिंसा के बाद हिरासत में लिया था। अब पुलिसिया कार्रवाई के चलते खबर है कि मेरठ के शोभापुर गांव से लोग पलायन कर रहे हैं। लोगों को डर है कि कहीं उन्हें उपद्रवी समझकर निशाना ना बनाया जाए। खासकर वो लोग पलायन कर रहे हैं जिनका नाम हिंसा करने वालों की लिस्ट में शामिल हैं हालांकि प्रशासन किसी तरह के पलायन से साफ इनकार कर रहा है।
प्रशासन का कहना है कि पूरे इलाके में स्थिति सामान्य है और लोगों को उनकी सुरक्षा व्यवस्था का पूरा भरोसा दिया जा रहा है। दलित आंदोलन के दिन हुई हिंसा को एक हफ्ता बीत गया है लेकिन आभी ये मामला पूरा तहर ठंडा नहीं हुआ है। हालात ये है कि मेरठ के शोभापुर गांव में कुछ दिन पहले तक जहां चहल पहल रहती थी अब वहां सन्नाटा पसरा है गली मोहल्ले सूने दिखते हैं।
गांव के कई घरों पर ताला लगा है, स्कूलों में बच्चे नहीं है, लोग काम धंधा करने से डरने लगे हैं हालात ये हैं कि लोग शोभापुर से पलायन करने लगे हैं। ये सब हो रहा है उस लिस्ट की वजह से जो मेरठ में हुई हिंसा के बाद वायरल हुई है। इस लिस्ट में हिंसा करने वालों के नाम है जैसे ही ये लिस्ट वायरल हुई शोभापुर से लोग अपना घर छोड़कर पलायन करने लगे है। 98 लोगों की वायरल हुई इस लिस्ट में गोपी पारिया का नाम सबसे ऊपर था जिसकी चार अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि ये हत्या आपसी रंजिश की वजह से हुई थी लेकिन गोपी पारिया की हत्या के बाद लोगों को डर है कि कहीं लोग उन्हें भी उपद्रवी समझकर मार ना डाले।