भुवनेश्वर. ‘गुलाब’ चक्रवात के प्रभाव से ओड़िशा के दक्षिण एवं तटीय क्षेत्रों में रविवार सुबह वर्षा शुरू हो गयी। इस चक्रवात के ओड़िशा के गोपालपुर एवं आंध्रप्रदेश के कलिंगपटनम के बीच करीब आधी रात को तट से टकराने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि ओड़िशा में चार महीने में आने वाला यह दूसरा चक्रवात है। इसका केंद्र गोपालपुर के दक्षिणपूर्व में करीब 140 किलोमीटर की दूरी तथा कलिंगपटनम के पूर्व-उत्तर पूर्व में करीब 190 किलोमीटर की दूरी पर है।
आईएमडी ने ‘रेड अलर्ट’ (बहुत अधिक वर्षा का संदेश) जारी करते हुए कहा, ‘‘आज रात इसके पश्चिम की ओर बढ़ने तथा उत्तरी आंध्रप्रदेश एवं दक्षिण ओड़िशा तट को पार करने की संभावना है। इस दौरान 75-85 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक तूफान चल सकता है। रविवार देर शाम यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।’’
IMD बताया कि फिलहाल उसकी रफ्तार 18 किलोमीटर प्रति घंटा है। ओड़िशा सरकार ने पहले ही बचाव एवं राहत कर्मियों एवं मशीनरी को तैयार कर लिया है एवं राज्य के दक्षिण हिस्से के सात चिह्नित जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया कि ओड़िशा आपदा त्वरित कार्यबल की 42 टीमों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 24 दस्तों तथा अग्निशमन कर्मियों की 102 टीमों को गजपति, गंजाम, रायगढ़, कोरापुट, मलकानगिरि, नबरंगपुर और कंधमाल जिलों में भेजा गया है।
जेना ने कहा कि गंजाम पर चक्रवात की सबसे अधिक मार पड़ने की आशंका है, इसलिए अकेले उस क्षेत्र में 15 बचाव दल भेजे गये हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अग्निशमन सेवा की 11 इकाइयों, ओड़िशा आपदा त्वरित कार्यबल के छह दलों तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के आठ दलों को आपात स्थिति के लिए तैयार स्थिति में रखा गया है। अगले तीन दिन तक ओड़िशा, पश्चिम बंगाल एवं आंध्रप्रदेश से सटे समुद्र में बहुत खराब स्थिति रहेगी। ऐसे में मछुआरों को बंगाल की खाड़ी एवं अंडमान सागर में नहीं जाने को कहा गया है।
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