लखनऊ: कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश में मोहर्रम के अवसर पर किसी प्रकार के जुलूस/ताजिया निकालने पर रोक लगा दी गई है और धर्म गुरुओं से संवाद स्थापित कर कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और उच्चाधिकारियों को भेजे गये दिशा निर्देश में असामाजिक तत्वों द्वारा कानून-व्यवस्था एवं सांप्रदायिक सौहार्द को भंग करने का प्रयास किये जाने तथा आतंकवादियों द्वारा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की आशंका तथा कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए हिदायत दी गई हैं।
भेजे गये पत्र में अवस्थी ने कहा, “कोरोना महामारी संक्रमण के दृष्टिगत किसी प्रकार के जुलूस/ ताजिया की अनुमति न दी जाए और धर्म गुरुओं से संवाद स्थापित कर कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए दिये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए।” निर्देश के अनुसार सार्वजनिक रूप से ताजिया एवं अलम स्थापित नहीं किये जाएंगे हालांकि ताजिया एवं अलम की स्थापना अपने अपने घरों में किये जाने पर किसी प्रकार की रोक नहीं होगी।
इसके मुताबिक संवेदनशील, सांप्रदायिक एवं कंटेनमेंट जोन में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किए जाएं तथा किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों की भीड़ एकत्र न होने पाए। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन व धार्मिक स्थलों पर आवश्यक चेकिंग कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह ने अपने पत्र में जन सुविधाओं जैसे बिजली, पेयजल और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के साथ धारा 144 लगाते हुए कड़ाई से इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
उन्होंने सोशल मीडिया की नियमित निगरानी कराने को कहा है और कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट संज्ञान में आते ही तत्काल उसे ब्लॉक करते हुए प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। अवस्थी ने पत्र में यह भी लिखा है कि श्रावण मास के मध्य मोहर्रम पड़ने के कारण संवेदनशीलता में वृद्धि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए विशेष सतर्कता एवं प्रभावी उपाय सुनिश्चित किये जाएं।
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