लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 16 नये मामलों की पुष्टि होने के साथ ही अब तक प्रदेश में इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 88 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रदेश के आठ प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच हो रही है और अभी तक संक्रमण के 88 मामलों की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया, ‘‘सबसे ज्यादा 36 मामले गौतमबुधनगर में आए हैं। वहां एक फैक्ट्री के लोग संक्रमित हुए हैं और कुल 36 में से 31 मामले उसी फैक्ट्री से संबंधित हैं। मेरठ में 13 मामले हैं, वहां भी सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। वहां एक ही व्यक्ति से उसके परिचित और रिश्तेदार संक्रमित हुए हैं।’’
प्रसाद ने बताया, ‘‘अभी तक कुल 2,430 नमूने जांच के लिये भेजे गये हैं। इनमें से 2,305 की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां एक से ज्यादा मरीजों का क्लस्टर (समूह) बनता है, वहां से तीन किलोमीटर के दायरे में कंटेनमेंट (रोकथाम) की कवायद की जाती है। वहां के एक—एक घर को देखकर पता किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति में कोई लक्षण होते हैं तो उसे पृथक रख कर उसके नमूने जांच के लिये भेजे जाते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इलाज किया जाता है।’’ उन्होंने बताया कि प्रदेश से अब कोई भी नमूना जांच के लिये एनआईवी पुणे नहीं भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर ने अब प्रदेश की प्रयोगशालाओं को अनुमति दे दी है और उनकी जांच रिपोर्ट को ही संक्रमण की पुष्टि के लिए अंतिम माना जाएगा।
प्रसाद ने बताया, ‘‘केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रुपये का अतिरिक्त बीमा दिया है। अगर किसी स्वास्थ्यकर्मी के साथ कोविड—19 के इलाज के दौरान कोई दुर्घटना होती है तो उसके परिजन को बीमा का लाभ दिया जाएगा। निजी अस्पतालों के चिकित्साकर्मियों, अनुबंध पर काम कर रहे किसी बाहरी कंपनी के कर्मचारियों या सरकार संविदा कर्मियों को भी इसका लाभ दिया जाएगा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘कल से प्रदेश के बाहर से जो लोग आये हैं उन्हें विभिन्न पृथक केन्द्रों में रखा गया है। 780 संदिग्ध लोगों को अलग पृथक केन्द्रों में रखा गया है, अगर उनमें लक्षण दिखते हैं तो उनकी जांच की जाएगी। करीब 10 हजार लोगों को उनके घरों में पृथक रखा गया है।’
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