नोएडा में कोरोना से लड़ाई की कमान किन्नरों ने संभाली, बना रहे मास्क
देश में कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई की कमान किन्नरों ने भी संभाल रखी है। नोएडा में कई किन्नर दिन-रात एक कर मास्क बनाने में जुटे हैं। ये मास्क जरूरतमंदों में बांटे जा रहे हैं।
नोएडा: देश में कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई की कमान किन्नरों ने भी संभाल रखी है। नोएडा में कई किन्नर दिन-रात एक कर मास्क बनाने में जुटे हैं। ये मास्क जरूरतमंदों में बांटे जा रहे हैं। किन्नरों को इस अभियान से जोड़ने की पहल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने की है। वह फेस कवर बनाने के लिए कपड़े किन्नरों को उपलब्ध करा रहे हैं तो किन्नर घर बैठकर सिलाई मशीन से फेसकवर और मास्क तैयार कर रहे हैं।
दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने 'दोस्त' मुहिम के तहत भोजन, राशन और मास्क वितरण जैसी मुहिम चला रखी है। एक लाख से अधिक मास्क नोएडा जिला प्रशासन और अथॉरिटी के जरिए जरूरतमंदों को बांटने का अभियान चल रहा है। इस मुहिम में गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने सिलाई की ट्रेनिंग लेने वाली महिलाओं की मदद ली है। कच्चा माल उन्हें उपलब्ध कराया जाता है और मास्क तैयार करने के बदले हर दिन करीब चार सौ रुपये महिलाओं को भुगतान भी किया जाता है। ताकि संकट की इस घड़ी में जहां आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को रोजगार मिल सके वहीं जरूरतमंदों को मुफ्त में फेसकवर भी मिल जाए। अब इस मुहिम से एक दर्जन से अधिक किन्नर जुड़ गए हैं।
भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, "सेवा कार्य करने में किन्नर समुदाय आगे हैं। मास्क और फेसकवर बनाने की दोस्त कोरोना कवच नामक मुहिम से कई किन्नर जुड़कर हाथ बंटा रहे हैं। हम नोएडा में घर-घर जाकर पुरानी चादरें लोगों से लेते हैं। फिर सैनिटाइज कर उनसे फेस कवर बनाते हैं। इसके बाद दोबारा सैनिटाइज कर पैकेट में डालकर प्रशासन को देते हैं, ताकि जरूरतमंदों तक फेस कवर पहुंच सके।"
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने बताया कि डेमोक्रेटिक आउटरीच फॉर सोशल ट्रांसफार्मेशन (दोस्त) नामक मुहिम के तहत हंगर फ्री नोएडा (भूख मुक्त नोएडा) अभियान भी चल रहा है। इसके तहत नोएडा अथॉरिटी और जिला प्रशासन के सहयोग से जरूरतमंदों को फूड पैकेज और राशन बांटा जा रहा है। दोस्त नामक हेल्पलाइन के माध्यम से खाना, राशन, दवा की व्यवस्था के साथ बुजुगोर्ं की देखभाल हो रही है। लॉकडाउन के दौरान लावारिस जानवरों की देखभाल के लिए 'दोस्त एनिमल केयर' भी संचालित किया जा रहा है, जिससे सड़कों पर टहलने वाले पशुओं को चारा खिलाया जा रहा है।