लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को कहा कि राज्य के 15 जिलों में कोरोना हॉटस्पॉट (अति प्रभावित क्षेत्र) को सील करने की नीति प्रभावी साबित हो रही है और अन्य राज्य भी इसे अपना रहे हैं। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि चार दिन पहले उत्तर प्रदेश ने कोरोना वायरस हॉटस्पॉट को लेकर रणनीति बनाई थी जिसकी देशभर में तारीफ हो रही है। कुछ राज्यों ने इस नीति को अपनाना शुरू कर दिया है। अवस्थी ने बताया कि 15 जिलों में चिन्हित 125 हॉटस्पॉट से संक्रमण के 329 मामले सामने आए हैं।
कुल 2942 संदिग्ध लोगों की पहचान की गई है जिनमें से 2863 लोगों को पृथक किया गया है। हॉटस्पॉट में कड़ाई बरतने का प्रभावी असर हुआ है। इससे वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। अवस्थी ने बताया कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए 61 प्राथमिकी दर्ज की गई है । ज्यादातर मामले बरेली और गाजियाबाद के हैं । तबलीगी जमात से जुड़े 2428 भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है जिनमें से 2231 को पृथक किया गया है।
मेरठ में आज की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि पुलिस कुछ लोगों को पृथक कराने गई थी। पुलिस दल पर पथराव किया गया जिससे सिटी मजिस्ट्रेट घायल हो गए लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जमात से जुड़े विदेशी नागरिकों को पृथक किया गया है । कुल 259 पासपोर्ट जब्त किए गए हैं । विदेशी नागरिकों में 66 लोग नेपाल से हैं।
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