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Coronavirus: यूपी में 1589 एक्टिव मामले, 335 मरीज हुए ठीक, 31 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1589 एक्टिव मरीज हैं जबकि 335 मरीज इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं वहीं अबतक 31 मरीजों की मौत हो चुकी है।

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1589 एक्टिव मरीज हैं जबकि 335 मरीज इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं वहीं अबतक 31 मरीजों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी आज प्रदेश प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), अमित मोहन प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। वहीं प्रदेश अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि हरियाणा से 12 हजार से ज्यादा श्रमिकों को प्रदेश में लाया गया है। इन श्रमिकों को 349 बसों से उनके जिले में भेजा गया है।

अवनीश अवस्थी ने बताया कि इन श्रमिकों को पूरी जांच के बाद लाया गया है। उन्होंने बताया कि अब ये श्रमिक अपने जिलों में क्वॉरंटीन में रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में 15-15 हजार की क्षमता का क्वॉरंटीन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है।

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. विकासेंदु अग्रवाल द्वारा सोमवार शाम जारी बयान में कहा गया, ''सोमवार को 113 नये कोरोना संक्रमित मामले प्रकाश में आयें इस तरह प्रदेश के 60 जिलों में संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 1986 हो गयी है।” बयान के मुताबिक सोमवार को श्रावस्ती जिले में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई है । उन्होंने बताया सबसे ज्यादा संक्रमित मामले कानपुर नगर से 27, फिरोजाबाद से 17, गौतमबुद्धनगर से 16, आगरा-बुलंदशहर से 12-12 तथा 10 अलीगढ़ से है। प्रदेश में अभी तक तब्लीगी जमात और उनके संपर्क में आकर संक्रमित होने वालो की संख्या 1089 है ।

इससे पहले प्रमुख सचिव :चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ''प्रदेश में अभी तक कुल 399 लोग उपचारित होकर घर जा चुके हैं जबकि 31 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गयी है ।'' प्रसाद ने बताया कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए जनपद स्तर पर समिति बनायी जा रही है । आदेश जारी कर दिया गया है । समिति अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी । उन्होंने कहा कि संक्रमण को छिपाने की आवश्यकता नहीं है । अगर सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार के लक्षण आ रहे हों तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर जांच करायें ।

प्रमुख सचिव ने कहा, ''अगर समय से पता चल जाए तो किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होती । ऐसा देखने में आया है कि जहां तबियत ज्यादा खराब हुई या मौत हुई, वहां या तो व्यक्ति को पहले से कोई गंभीर बीमारी थी या फिर वे देर से अस्पताल आये ।''  (इनपुट-भाषा)

 

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