लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है। राज्य में कोरोना के कारण अस्पताल भरे हुए हैं, इस वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसे हालातों के बीच प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने प्रदेश के संबंधित अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि कोई भी सरकारी या फिर प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों को बेड खाली होने की दिशा में वापस न लौटाए।
यूपी सरकार द्वारा न्यूज एजेंसी ANI को दी गई जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी आदित्नाथ ने निर्देश दिए हैं कि अगर किसी भी अस्पताल में बेड खाली नहीं हैं तो मरीज को प्राइवेट अस्पातल में भेजा जाए और अगर सरकारी अस्पताल द्वारा रेफर किया गया मरीज प्राइवेट अस्पताल का बिल उठाने में सक्षम नहीं है तो प्रदेश सरकार आयुष्मान भारत स्कीम के तहत स्वीकृत रेट्स के हिसाब से उनके इलाज का खर्च वहन करेगी।
पीड़ितों के लिए सरकार के प्रयास जमीनी हकीकत में भी लागू हों: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कोरोना पीड़ितों के लिए केंद्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को जमीनी हकीकत में भी समय से लागू करने की सोमवार को मांग की। बसपा प्रमुख ने सोमवार को एक ट्वीट के जरिये देश भर के बसपा कार्यकर्ताओं से अपने सामर्थ्य के अनुसार कोरोना पीड़ितों की मदद का आह्वान किया।
मायावती ट्वीट किया, ''केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए तथा ऑक्सीजन व दवा आदि की कमी को दूर करने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाये हैं, वह अच्छी बात है, लेकिन ये सब जमीनी हकीकत में भी समय से लागू होने चाहिये। बसपा की यही मांग है।'' सिलसिलेवार ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''पूरे देश में बसपा के लोगों से भी अपील है कि वे अपने आस-पड़ोस में कोविड पीड़ितों की अपने सामर्थ्य के हिसाब से उनकी हर स्तर पर इंसानियत के नाते मदद जरूर करें, लेकिन इस दौरान वे कोरोना नियमों का भी सख्ती से पालन करें।''
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