नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कमर कस ली है। यहां तक कि पत्थरों से लदे ट्रक भी भेजे जा रहे हैं। पिछले महीने एक ट्रक पत्थर भेजे गए थे वहीं इस बार तीन ट्रक पत्थर भेजे गए हैं। इन ट्रकों में सवा दो सौ टन पत्थऱ हैं जिन्हें रामसेवकपुरम में रखा गया है। योगी राज में ये दूसरा मौका है जब पत्थऱों की खेप अयोध्या पहुंची हैं। ये भी पढ़ें: भारत और चीन में बढ़ी तल्खियां, जानिए किसके पास है कितनी ताकत
अखिलेश सरकार में कड़े नियमों की वजह से पत्थऱ लाना मुश्किल हो गया था लेकिन अब शिलाओं के पहुंचने की रफ्तार तेज हुई है। इन पत्थऱों को तराशने का काम भी तेजी से शुरू हो गया है। विश्व हिंदू परिषद् औऱ राम जन्म भूमि न्यास से जुड़े लोगों को भरोसा है कि योगी राज में राम मंदिर बनकर रहेगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए,वरिष्ठ विहिप नेता त्रिलोकी नाथ पांडेय ने बताया कि योध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हमने राजस्थान के भरतपुर से दो ट्रक पत्थर मंगाए हैं, अभी बहुत सारे ट्रक मंगाने हैं। हमें मंदिर निर्माण के लिए 100 ट्रक से ज्यादा पत्थरों की आवश्यकता होगी। बाकि के पत्थर की सप्लाई भी आने वाले एक या दो दिनों में हो जाएगी।
पांडेय ने कहा कि अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। इसलिए अब मंदिर निर्माण में कोई रुकावट सामने नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि एक महीने पहले हमने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी से संपर्क किया और उन्होंने एक साल से रोके गए फॉर्म 39 को तुरंत जारी कर दिया।
बता दें कि अयोध्या में नब्बे के दशक से ही पत्थर लाने का काम जारी है। साल 2007 तक मंदिर निर्माण के लिए लगातार पत्थर आए। इसके बाद कभी राजस्थान सरकार के खदानों के नियम बदलने की वजह से पत्थर आने में रुकावट हुई तो कभी यूपी सरकार के नियम इसके आड़े आए। ऐसे में जहां पहले करीब तीस से चालीस कारीगर पत्थर तराशने का काम करते थे वहीं उनकी तादाद घट के दस से पंद्रह के बीच रह गई। लेकिन योगी सरकार में राम मंदिर निर्माण के लिए अब हर महीने पत्थर पहुंच रहे हैं जिससे यहां की हलचल बढ़ गई है।
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