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सीएम योगी ने कहा, जांच अभियान से संक्रमण के आंकड़े बढ़ेंगे मगर मौत के आंकड़े होंगे न्यूनतम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुवार से राज्य में शुरू हो रहे कोविड-19 जांच अभियान से संक्रमण के मामलों के आंकड़े भले ही बढ़ेंगे लेकिन मौत के आंकड़े न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने में कामयाबी मिलेगी।

Uttar Pradesh coronavirus testing, Coronavirus Yogi Adityanath, Yogi Adityanath Lockdown- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस अभियान में हम हर नागरिक की मेडिकल स्क्रीेनिंग करेंगे।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुवार से राज्य में शुरू हो रहे कोविड-19 जांच अभियान से संक्रमण के मामलों के आंकड़े भले ही बढ़ेंगे लेकिन मौत के आंकड़े न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने में कामयाबी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे संचारी रोगों के लिये भी इंसेफेलाइटिस नियंत्रण जैसी ही मुहिम की जरूरत बताई। योगी ने बुधवार को 'संचारी रोग नियंत्रण दस्तेक अभियान' की शुरुआत करते हुए कहा कि गुरुवार से मेरठ मण्डरल के 6 जिलों मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत में हमारा एक विशेष अभियान शुरू हो रहा है। बाकी 17 मण्ड्लों में यह 5 से 15 जुलाई के बीच चलाया जाएगा।

योगी ने कहा कि इस अभियान में हम हर नागरिक की मेडिकल स्क्रीमनिंग करेंगे। उन्होंने कहा, 'मेरा विश्वाेस है कि जब हम प्रदेश के हर नागरिक की स्क्री निंग कर लेंगे तो भले ही संक्रमण के मामलों की संख्याह बढ़ेगी, लेकिन मौत के आंकड़े न्यूकनतम स्त र पर पहुंचाने में हमें सफलता मिलेगी।' मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के लिये इंसेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान जैसी ही मुहिम बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2016 और 2017 में प्रदेश में सिर्फ इंसेफ्लाइटिस से ही 600 से ज्यारदा मौतें हुई थीं लेकिन 2018-19 के आंकड़ों को देखें तो उनकी संख्याइ में लगातार गिरावट आई है और वर्ष 2019 में यह संख्या0 126 पर आ गई।

उन्होंने कहा, ‘मेरा अनुमान है कि इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण जिस तरह से स्वगच्छ।ता और जनजागरूकता के व्या‘पक कार्यक्रम चलाये गये, उससे हम मौत के इन आंकड़ों को आधे से भी कम करने में सफल हो सकते हैं। ऐसी बीमारी जिसने पिछले 40 वर्षों के दौरान पूर्वी उत्तभर प्रदेश में हजारों बच्चोंह को निगल लिया, उस बीमारी को 60 फीसदी कम करने और मौत के आंकड़ों को 90 प्रतिशत तक कम करने में सफलता प्राप्त  हो, यह अपने आप में एक उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही स्थिति हमें डेंगू, मलेरिया, कालाजार और डायरिया समेत सभी संक्रामक रोगों के लिए बनानी पड़ेगी। यह काम एक अभियान के तहत करना होगा। इसके लिये प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज एक मुहिम शुरू की जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई न कोई जिला किसी न किसी संचारी रोग की कम या ज्यायदा चपेट में रहता है। प्रदेश के 38 जिले तो ऐसे हैं जो इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित होते हैं। बहुत सारे जिले खासकर शहरी इलाकों में जरा सी असावधानी से डेंगू का खतरा बहुत बढ़ जाता है। उसी तरह बहुत से क्षेत्रों में मलेरिया, कालाजार और चिकनगुनिया भी देखने को मिलता है। इन सब पर प्रभावी नियंत्रण के लिये प्रदेश में अंतर्विभागीय समन्वुय बनाया गया है और इस तालमेल के जरिये बीमारी पर काबू करने के लिये स्वारस्य््व  विभाग को नोडल महकमा बनाया गया है। इसमें नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम्ये विकास, महिला एवं बाल विकास, बेसिक शिक्षा, माध्यंमिक शिक्षा, दिव्यां ग जन कल्‍याण आदि विभाग मिलकर काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामस्य््व  विभाग ने कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर तरीके से लड़कर राज्यज में बेहतरीन स्वाहस्य्र   सुविधा देने का प्रयास किया। उसने अंतर्विभागीय समन्वसय के माध्य्म से एक मिसाल कायम की है। कोरोना महामारी के इस दौर में भी प्रदेश के 24 करोड़ लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हम कोरोना से भी लड़ेंगे और हर तरह के संचारी रोग से भी प्रभावी तरीके से निपटेंगे।

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