लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों को प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार की व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए और कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम संबंधी प्रयासों में किसी तरह की कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कामगारों को मनरेगा, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण तथा गौ-आश्रय स्थल से जोड़ते हुए रोजगार का प्रबन्ध किया जाए।
उन्होंने कहा कि दुग्ध समितियों तथा पौध नर्सरी के माध्यम से भी प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लखनऊ के सीडीआरआई, आईआईटीआर, बीएसआईपी तथा आईवीआरआई बरेली में चिकितसा जांच का कार्य प्रारम्भ हो गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन संस्थानों को जांच कार्य से सम्बन्धित सभी संसाधन सुचारू रूप से उपलब्ध होते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के दौरान होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए सभी उपाय किए जाने चाहिए। योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रवासी कामगार पैदल यात्रा कर प्रदेश में न आएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए कार्य कर रही है। प्रदेश वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों के स्वास्थ्य की जांच की जाए। इसके लिए प्रत्येक पृथक-वास केंद्र में मेडिकल टीम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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