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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश योगी ने धर्मगुरुओं से कहा- बिना किसी भेदभाव के करना चाहिए कोरोना वायरस का मुकाबला

योगी ने धर्मगुरुओं से कहा- बिना किसी भेदभाव के करना चाहिए कोरोना वायरस का मुकाबला

उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर भी कई प्रयास किए गए हैं, जिनके सार्थक परिणाम आ रहे थे हालांकि तबलीगी जमात के कारण अचानक कुछ परिस्थितियां बदली हैं उसक बाद भी हमारा नियंत्रण बना हुआ है। योगी ने कहा कि धर्मगुरुओं का अपने समाज पर गहरा असर होता है।

UP CM Yogi- India TV Hindi Image Source : ANI UP CM Yogi Adityanath

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राज्य भर के धर्मगुरुओं से कहा कि कोरोनावायरस संक्रामक बीमारी है, जो पंथ, मत, मजहब, धर्म और संप्रदाय नहीं देखती इसलिए बिना किसी भेदभाव के इसका मुकाबला करना चाहिए। सीएम योगी ने कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों एवं तैयारियों की जानकारी शाम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के धर्मगुरुओं के साथ साझा की। उन्होंने उनसे कोरोना से लड़ने में उनके सुझाव भी मांगे। उन्होंने उन्हें कई महत्वपूर्ण सुझावों पर गंभीरता से अमल करने का आश्वासन भी दिया।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने धर्मगुरूओं को संबोधित करते हुए कहा, ''यह एक संक्रामक बीमारी है, जो पंथ, मत, संप्रदाय, धर्म और मजहब नहीं देखती है। इसके लिए जरूरी है कि हम सभी बिना किसी भेदभाव के एक साथ इसका मुकाबला करें ।'' योगी ने कहा कि अमेरिका, इटली, स्पेन, ईरान जैसे देशों में इस वायरस ने मौत का तांडव मचाया हुआ है लेकिन भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय पर उठाए गए कदमों के कारण ही यह दूसरे चरण पर थम गया है ऐसे दुनिया की बड़ी ताकतें अब भारत की ओर सहयोग की दृष्टि से देख रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर भी कई प्रयास किए गए हैं, जिनके सार्थक परिणाम आ रहे थे हालांकि तबलीगी जमात के कारण अचानक कुछ परिस्थितियां बदली हैं उसक बाद भी हमारा नियंत्रण बना हुआ है। योगी ने कहा कि धर्मगुरुओं का अपने समाज पर गहरा असर होता है। वाराणसी के संकट मोचन के मंहत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने सुझाव दिया कि सभी धर्मगुरू अपने अपने स्तर पर लॉकडाउन के प्रति लोगों को जागरूक करें और मौजूदा वक्त में हमें पुलिस का सहयोग करते हुए इस काम को खुद करना चाहिए।

प्रवक्ता के अनुसार सहारनपुर से मौलाना मसूद मदनी ने अपना सुझाव दिया कि जिन लोगों को पृथक वास में रखा गया, उन्हें यह न लगे कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है । संदिग्ध या संक्रमित लोगों को पृथक वास में रखने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरुओं आदि को विश्वास में लेने पर यह काम और आसान होगा। लखनऊ से मौलाना यासूब अब्बास और खालिद रशीद महली ने अपने सुझाव दिए।

रशीद महली ने कहा कि उनका एवं संप्रदाय के अन्य धर्मगुरुओं की कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव संबंधी एक आडिओ क्लिप बनाकर उसे मस्जिदों व बाहुल्य इलाकों में सुनाया जाए तथा मस्जिदों से हर 4-5 घंटे पर यह आडियो क्लिप चलाया जाए एवं प्रदेश के हर वार्ड में वार्ड वाइज कोरोना वारियर्स कमेटी का गठन किया जाए। शिया समुदाय के धार्मिक नेता कल्बे जव्वाद ने कहा कि कुरान में इंसानियत की हिफाजत की बात को प्रमुख रूप से बताया गया है। उन्होंने कहा कि नमाज के लिए जरूरी जिंदा रहना और जिंदा रहने के लिए डॉक्टरों व हुकूमत के सुझाव को मानने में ही सबकी भलाई है।

इसी प्रकार गोरखपुर से सरदार यशपाल सिंह व गोरखपुर में काली बाड़ी के महंत रविंद्र दास से भी योगी ने चर्चा कर हालात की समीक्षा की । इसके बाद आगरा के फॉदर नून ने बातचीत के दौरान बताया की ईसाई धर्म में यह एक मुख्य सप्ताह होता है, जिसमें गुड फ्राइडे भी शामिल है लेकिन प्रशासन व शासन की पहल पर कोरोना की रोकथाम के लिए ईसाई धर्म किसी भी प्रकार का आयेाजन नहीं करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल करेगा। अयोध्या से धर्मगुरूओं ने बातचीत के दौरान सुझाव दिया कि अयोध्या में देश विदेश से लोगों का आवागमन होता है इसलिए वहां एक टेस्टिंग लैब होनी चाहिए। इस पर योगी ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार हर जनपद में लैब खोलने की तैयारी कर रही है । 

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