नई दिल्ली/लखनऊ। एप्पल कंपनी के अधिकारी विवेक तिवारी की पुलिस की गोली लगने से हुई मौत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके परिवार को मुआवजा देने की जो घोषणा की थी उसे मंगलवार को पूरा कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद विवेक तिवारी के परिवार को मुआवजे के तौर पर 40 लाख रुपए का चेक सौंपा है।
इससे पहले विवेक तिवाही हत्याकांड की मुख्य चश्मदीद सना से इस घटना के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए इंडिया टीवी ने बात की, सना ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में बताया कि वारदात के बाद पुलिसकर्मियों ने उस पर काफी मानसिक दबाव बनाया। उन्हें शक है कि तहरीर बोलकर लिखवाने वाली महिला कोई और नहीं, आरोपी सिपाही प्रशांत की पत्नी ही थी। तहरीर लिखवाने के दौरान महिला पुलिसकर्मी ने उसके हर बयान पर सवाल किए और उसकी बात काटने की कोशिश की।
सना ने बताया कि विवेक तिवारी की गाड़ी उतनी डैमेज नहीं थी जितनी थाने के अंदर दिखाई गई है। वारदात के वक्त जब उनकी गाड़ी लड़ी थी तब ज्यादा डैमेज नहीं थी। जब रोकने के लिए बोले तब थोड़ी धीमी चल रही थी। सीसीटीवी फुटेज में भी गाड़ी नार्मल स्पीड में चलती दिख रही है, उसी दौरान उन्होंने गोली चलाई थी।
सना ने बताया कि टक्कर के बाद पता चला कि गोली लग गई है। वो मदद के लिए उतरी तो कोई मिला नहीं। एक दो ट्रक खड़े थे। दस पंद्रह मिनट बाद पुलिस आई फिर लोहिया एंबुलेंस के लिए काल किया गया। उनकी सांसे चल रही थी। लोहिया लेकर आए तो पूछताछ होने लगी और जब उसने डॉक्टर से पूछा तो कहा गया कि पीजीआई रेफर कर दिया गया है।
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