कोरोना से जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिवार को यूपी सरकार की ओर से 10-10 लाख की आर्थिक मदद
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले 50 पत्रकारों के परिजनों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10-10 लाख रुपये का चेक सौंपा।
लखनऊ: मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उन पत्रकारों के परिवार के दर्द पर मरहम लगाया जिन्होंने कोरोना से जंग में अपनी जान गंवा दी। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले 50 पत्रकारों के परिजनों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10-10 लाख रुपये का चेक सौंपा। इस कार्यक्रम में एनबीए के अध्यक्ष और इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा भी मौजूद थे। कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश की जनता तक हर खबर पहुंचाने के लिए मोर्चे पर डटे इन पत्रकारों की मौत हुई थी। राज्य सरकार की ओर से यह आर्थिक मदद दी गई ।आपको बता दें कि कोरोना महामारी के कारण उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 में 14 और वर्ष 2021 में 36 में पत्रकारों की मौत हुई है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मीडिया का अहम योगदान: योगी आदित्यनाथ
इस मौके पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मीडिया के अहम योगदान को लेकर पत्रकारों का खास तौर पर धन्यवाद किया। उन्होंने NBA अध्यक्ष रजत शर्मा की अपील पर पत्रकारों के लिए शुरू किए गए नोएडा और लखनऊ में शुरू किए गए खास वैक्सीनेशन सेंटर्स का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सबके लिए यह एक ऐसा क्षण है जब मीडिया जगह से जुड़े हुए उन सभी दिवंगत आत्माओं के प्रति जिन्होंने कोरोना कालखंड में समाज के लिए अपनी लेखनी को चलाते-चलाते अपने प्राणों की आहूति दी है, उन सबके प्रति हम अपनी संवेदना व्यक्त कर सकें, श्रद्धांजलि व्यक्त कर सकें और परिवारजनों के प्रति एक संबल बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि पिछले 15-16 महीने से पूरा देश, पूरी दुनिया इस सदी की सबसे बड़ी महामारी से जूझ रही है, हर तबका इस बीमारी से प्रभावित हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि जब पहली लहर को हमने एक प्रकार से नियंत्रित कर दिया, तभी वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी शुरू हुआ। मीडिया के पास कोई सुरक्षा कवच नहीं था, ऐसे में रजत जी ने पत्रकारों के वैक्सीनेशन की अपील की, हमने नोएडा और लखनऊ में दो बूथ शुरू किए। इन दोनों बूथों पर इन लगभग 25 हजार लोगों को वैक्सीन दी गई। सीएम योगी ने कहा कि आज हम लगभग कोरोना को नियंत्रित करने के नजदीक है, लेकिन कुछ नहीं कहा जा सकता ये कब वापस आ जाए।
जब दर्द इतना ज्यादा हो जाता है कि व्यक्त करना संभव नहीं होता: रजत शर्मा
इस अवसर पर एनबीए के अध्यक्ष इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा-'भावुक क्षण है... उन लोगों के प्रति मेरी संवेदना जिन्होंने कोरोना के प्रकोप से अपनों को खोया.. श्रद्धांजलि देना चाहता हूं उन पत्रकारों भाइयों-बहनों को जो कोरोना की वजह से अपनों से इतने दूर हो गए कि वापस नहीं आ पाएंगे। योगी आदित्यनाथ जी का बहुत आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि शोक में डूबे उन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना दिखाई और एनबीए की तरफ से हमें शिरकत करने का मौका दिया। जब दर्द इतना ज्यादा जो जाता है कि व्यक्त करना संभव नहीं होता। शब्द कम पड़ जाते हैं। कोरोना लॉकडाउन में जब सब लोग घरों में बंद थे लेकिन पत्रकार सड़कों पर थे लोगों को जागरूक कर रहे थे। लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन लोगों तक जानकारी पहुंचाना मुश्किल काम था लेकिन पत्रकार भाई बहनों ने कर्त्वयनिष्ठा से काम किया। अपने परिवारों की चिंता नहीं की बस ऐसी स्थति थी कि आग का दरिया है और कूद के जाना है। पत्रकारों ने उन परिवारों की चिंता की जो कोरोना से ग्रस्त थे।'
रजत शर्मा ने पत्रकारों के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा-' कितने ऐसे उदाहरण है जब लोगों के बीच पत्रकार बंधु गए तो गालियां खानी पड़ी.. पत्थर खाने पड़े। पूरे देश में पत्रकारों ने सिर्फ रिपोर्टिंग नहीं की लोगों को समझाने का भी काम किया। जब हाहाकार मचा तब खासतौर से उत्तर प्रदेश का जिक्र करना चाहूंगा कि जिस सख्ती के साथ इसपर काबू पाया वरना हालात बेकाबू हो सकते थे।.. कई बार पत्रकारों को पीपीई किट पहनकर अस्पताल में जाना पड़ा कि अंदर के हालात बाहर आ सकें। ये बहुत खतरनाक स्थिति थी। बाद में ऐसी स्थिति भी आई कि पत्रकार बंधु भी संक्रमित हुए लेकिन पत्रकार बंधुओं ने अपना काम नहीं छोड़ा और कई को जान गंवानी पड़ी। जिन पत्रकारों की जान गई उनके प्रति मैं संवेदना जताना चाहता हूं।'
उन्होंने कहा-'जिस समय कोरोना की दूसरी लहर आई और एक-एक कर हमारे पत्रकार साथी होम आइसोलेशन में जाने लगे तब एनबीए की मीटिंग में ये फैसला हुआ कि पत्रकार साथियों को जल्द से जल्द से वैक्सीन दिलाई जाई। मैंने कई मुख्यमंत्रियों से बात की। किसी ने कहा आप वैक्सीन दिलवा देंगे तो हम लगवा देंगे। लेकिन एक मुख्यमंत्री ऐसे थे जिनको संडे को फोन किया और ये बताया कि हमारे पत्रकार साथी पब्लिक के बीच जाते हैं, उनका जीवन खतरे में है। उन्होंने बात भी पूरी नहीं होने दी और कहा कि आप उनकी चिंता मत कीजिए हम उनको वैक्सीन दिलवाएंगे। उन्होंने खुद पहल करके नोएडा में वैक्सीनेशन के लिए कैंप लगवाया और 10 हजार पत्रकारों और उनके परिवार वालों को फ्री वैक्सीन मिली.. इसके लिए मैं योगी आदिथ्यनाथ जी का एनबीए और पत्रकारों की तरफ से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।'
रजत शर्मा ने कहा कि इसके बाद एक और समस्या आई जब हमें ये समाचार मिलने लगे कि बहुत सारे पत्रकार अपना काम करते हुए अ्पनी जान गंवा बैठे। मेरे मन में विचार आया कि योगी जी से फोन करूं कि क्या हम ऐसे लोगों की मदद करें। लेकिन मेरे फोन करने से पहले ही लखनऊ से फोन आया कि मुख्यमंत्री जी बात करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो ऐसे शोकसंतप्त परिवार हैं उनको 10-10 लाख की मदद करना चाहते हैं। जो मैं सोच रहा था वो उन्होने पहले ही कर दिया। पूरा पत्रकार समाज इसके लिए आपका ऋणी रहेगा। हम इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।
रजत शर्मा ने कहा-' 10 लाख की राशि टोकन है भावनाओं का और विश्वास का... ये एक सिलसिला शुरू हुआ है, आगे भी जैसे भी होगा हम मदद करने का प्रयास करते रहेंगे... कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। संकट टला नहीं है। लड़ाई जारी है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हम देश को जगाने का काम करते रहें। लोगों को समझाते रहें कि मास्क लगाना कितना जरूरी है, वैक्सीन लगवाना कितना जरूरी है। हमारे इस काम में योगी आदित्यनाथ की सपोर्ट मिलता रहेगा।'
इससे पहले योगी सरकार ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाते हुए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत सरकार ऐसे सभी बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाएगी जो कोरोना महामारी में अनाथ हो गए हैं। ऐसे बच्चों के वयस्क होने तक उनके अभिभावक को प्रतिमाह चार हजार रुपये दिए जा रहे हैं।
कोरना से जान गंवाने वाले पत्रकार
रोहित सरदाना-नोएडा, प्रमोद श्रीवास्तव, लखनऊ, पंकज कुलश्रेष्ठ-आगरा, कुणाल श्रीवास्तव-नोएडा, शिव नंदन साहू-कौशांबी, सच्चिदानंद गुप्ता-लखनऊ, हिमांशु जोशी-लखनऊ, अंजनी कुमार निगम-बांदा, अनिल श्रीवास्तव-बस्ती, राजीव पवैया-ललितपुर, अंकित शुक्ला-लखनऊ, शफी अहमद-रामपुर,राकेश चतुर्वेदी- वाराणसी, मुन्ना लाल-कासगंज, अंकित श्रीवास्तव-सिद्धार्थनगर, कैलाशनाथ- जौनपुर, अमरेंद्र सिंह-लखनऊ, मधुसूदन त्रिपाठी-लखनऊ, सुशीला देवी-बस्ती, ऊषा अग्रवाल-मुरादाबाद,अरुण पांडेय-कानपुर,राम नरेश तिवारी-औरैया, सलाउद्दीन शेख-लखनऊ,के के सिन्हा-अयोध्या।