सपा-बसपा गठबंधन को लेकर शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर साफ इंकार कर दिया था। मायावती ने कांग्रेस को कुशासन और भ्रष्टतंत्र का जनक कहा था। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस को अभी भी गठबंधन में सम्मानजनक स्थान मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिये तैयार है लेकिन अभी भी उम्मीद है उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर पुनर्विचार किया जाएगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में कमतर नहीं समझा जा सकता और जरूरत पड़ने पर वह अपनी ही ताकत पर चुनाव लड़ेगी।
चिदंबरम का यह बयान शनिवार को उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिये हुए गठबंधन के बाद आया है जिसमें कांग्रेस जगह नहीं दी गई है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने उम्मीद जतायी कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती के बीच सीटों को लेकर बंटवारे को लेकर हुआ समझौता अंतिम नही है। चिदंबरम ने कहा कि जैसे ही चुनाव नजदीक आएंगे, उत्तर प्रदेश में एक व्यापक आधार वाला गठबंधन बनाया जाएगा।
उन्होंने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम से इतर कहा कि लक्ष्य भाजपा को हराना है और उम्मीद है कि सभी धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी दल चुनाव लड़ने के लिये एक साथ आएंगे। इससे पहले सपा और बसपा ने शनिवार को लखनऊ में गठबंधन का ऐलान किया, जिसके तहत दोनों दल लोकसभा की कुल 80 सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। सपा और बसपा ने ऐलान किया कि वे दो अन्य सीटों पर छोटे साथी दल चुनाव लड़ेंगी। चिदंबरम 2019 लोकसभा में कांग्रेस के घोषणा पत्र के लिये आम लोगों के सुझाव लेने के लिये एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे।
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