नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट
नोएडा के सबसे बड़े हाई प्रोफाइल घोटाले के मामले में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ CBI ने आज चार्जशीट दाखिल की
नोएडा: नोएडा के सबसे बड़े हाई प्रोफाइल घोटाले के मामले में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ CBI ने आज चार्जशीट दाखिल की । यादव सिंह के खिलाफ तीन अलग-अलग मामलों में तीन चार्जशीट दाखिल की गई है। 50 लाख से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने के मामले में दाखिल चार्जशीट में यादव सिंह के साथ नोए़डा अथॉरिटी के 11 अफसरों के नाम शामिल हैं। नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चैयरमेन यादव सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए नोएडा प्राधिकरण में करोड़ों रु का महाघोटाला किया था।
सीबीआई ने एक विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र में कहा है कि नोएडा के तत्कालीन मुख्य अभियंता यादव सिंह को 2007-11 के दौरान एक ठेकेदार को बढ़ी हुई दरों पर विद्युत कार्यों के सात ठेके देने में तरफदारी के लिये कथित रूप से मल्टी-यूटिलिटी व्हीकल (एमयूवी) मिली थी। अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इससे नोएडा प्राधिकरण को 1.76 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। एजेंसी ने नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) में यादव सिंह के कार्यकाल के दौरान ठेके देने में उनके कथित भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार से जुड़ी प्राथमिकी से संबंधित तीन अलग-अलग आरोपपत्र दाखिल किये।
जांच एजेंसी ने सिंह के अलावा लाभार्थी कंपनी गुल इंजीनियर्स के जावेद अहमद, सहायक परियोजना इंजीनियरों रमिंदर और विमल कुमार मांगलिक के साथ नोएडा के अन्य अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किये हैं। सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा कि एजेंसी ने सिंह और अन्य के खिलाफ गाजियाबाद की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के साथ 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत तीन आरोप पत्र दाखिल किये हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि अधिक क्षमता वाली बिजली की लाइन के तार डालने से जुड़े ठेके अहमद को अत्यधिक दरों पर दिये गये थे जबकि उनकी कंपनी गुल इंजीनियर्स को पर्याप्त अनुभव भी नहीं था। एजेंसी ने आरोप पत्रों में कहा कि सिंह समेत निविदा समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर वास्तविक बाजार मूल्यों को देखे बिना बढ़ी हुई दरों को सही ठहराया था। एजेंसी ने 2007-08, 2008-09 और 2010-11 के लिए तीन अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किये हैं जिनमें संबंधित वर्षों में ठेके देने में कथित आपराधिकता का ब्योरा है। (इनपुट-भाषा)