उत्तर प्रदेश: सिकंदरा विधानसभा उपचुनाव में BJP ‘सिकंदर’, समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर
उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी उम्मीदवार अजीत पाल सिंह ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सीमा सचान को 11,861 वोटों से मात दी है। बीजेपी प्रत्याशी अजीत पाल ने 73,284 वोट हासिल कर सपा की सीमा सचान को 11,861 वोटों से हरा दिया। सीमा सचान को 61,423 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस के प्रभाकर पांडेय 19084 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे। यह सीट 22 जुलाई को बीजेपी विधायक मथुरा पाल का बीमारी के चलते निधन हो जाने के बाद खाली हुई थी, जिसके बाद पार्टी ने उनके बेटे अजीत पाल को टिकट दिया था। सिकंदरा विधानसभा सीट पर 21 दिसंबर को उपचुनाव कराया गया था जिसमें करीब 53 फीसदी मतदान हुआ था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 24वें दौर के बाद अजीत पाल को 63,898 मत हासिल हुए थे, वहीं सपा प्रत्याशी को 52,182, कांग्रेस के प्रभाकर को 16,885 वोट मिले। 22वें राउंड तक बीजेपी प्रत्याशी अजीत पाल सिंह 54,866 वोट पाकार समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सीमा सचान से आगे चल रहे थे। इस राउंड तक सीमा सचान को 47,971 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी प्रभाकर पांडेय को 15,162 वोट मिले थे। बीच में इस सीट पर कांटे की टक्कर हो गई थी और सीमा सचान लगातार वोटों का अंतर कम करती जा रही थीं। यहां तक कि 10वें राउंड तक वोटों का अंतर 2,000 से भी कम रह गया था। दसवें दौर के बाद अजीत पाल को 24,823 मत हासिल हुए थे जबकि सपा प्रत्याशी को 23,011, कांग्रेस के प्रभाकर को 5,279 और निर्दलीय उम्मीदवार बउवा को 3,144 वोट मिले थे।
इस सीट पर कथित तौर पर ईवीएम की सील टूटी होने को लेकर विवाद होने की खबरें भी आ रही थीं। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के अजीत पाल, कांग्रेस की सीमा सचान और कांग्रेस के प्रभाकर के अलावा 12 उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे थे। इन उम्मीदवारों में 5 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे। 2017 के विधानसभा चुनावों में दिवंगत विधायक मथुरा पाल को 87,879 वोट मिले थे, जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी के महेंद्र कटियार (बबलू) को 49,776 मत प्राप्त हुए थे। सिकंदरा विधासभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इस सीट पर मिली जीत को बीजेपी गोरखपुर और फुलपूर लोकसभा सीटों पर उपचुनावों में भी भुनाने की कोशिश कर सकती है। ये सीटें क्रमश: योगी आदित्यनाथ के प्रदेश का मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्या के डिप्टी CM बनने के बाद खाली हुई थीं।
क्या है इस सीट का फूलन देवी कनेक्शन?
आपको बता दें कि यह सीट कानपुर देहात जिले में आती है। इसी जिले में स्थित बेहमई गांव में 1981 में वह कुख्यात हत्याकांड हुआ था जिसमें फूलन देवी ने अपने साथ हुए गैंगरेप का बदला लेने के लिए अपने साथियों की मदद से कथित तौर पर 21 राजपूतों की हत्या कर दी थी। बाद में फूलन देवी ने 1983 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और आगे चलकर वह मिर्जापुर से सांसद बनीं। 25 जुलाई 2001 को फूलन की उनके दिल्ली आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।