लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। मायावती ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बीएसपी ने फैसला लिया है कि वह इस समय प्रदेश में हो रहे जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा "इसमें कोई संदेह नहीं है कि उत्तर प्रदेश में जि़ला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतना अब पूरे तौर से ख़रीद-फरोख़्त और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग आदि करने पर ही आधारित बनकर रह गया है और इस मामले में अब बीजेपी भी वही तौर-तरीक़े अपना रही है जो पूर्व में समाजवादी पार्टी अपने शासनकाल में अपनाती रही है।"
मायावती ने कहा कि इसी वजह से बीएसपी को वर्ष 1995 में सपा के साथ तत्कालीन गठबंधन सरकार से अलग होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में धांधली के मद्देनजर पार्टी ने फैसला लिया है कि वह इनमें हिस्सा नहीं लेगी। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने के बजाय पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बीएसपी की सरकार बन जाएगी तो अधिकांश ज़िला पंचायत अध्यक्ष खुद ही बीएसपी में शामिल हो जाएंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आगामी शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव होने हैं। मायावती ने कहा कि विपक्षी दल मीडिया के सहारे अफवाह फैला रहे हैं कि बीएसपी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय नहीं है, जबकि सच्चाई यह है कि वह खुद और पार्टी कार्यकर्ता पिछले साल से ही इस चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।
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