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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए सपा से कोई गठबंधन नहीं, ‘इस हाथ लो, उस हाथ दो’ की डील: मायावती

लोकसभा चुनाव के लिए सपा से कोई गठबंधन नहीं, ‘इस हाथ लो, उस हाथ दो’ की डील: मायावती

मायावती का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा द्वारा सपा उम्मीदवारों को समर्थन दिये जाने की अटकलें जोरों पर हैं...

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लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने आज उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा से गठबंधन की खबरों को गलत बताया। मगर राज्यसभा और प्रदेश विधान परिषद के आगामी चुनावों में सपा और कांग्रेस के साथ ‘सहयोग’ के दरवाजे खोल दिए।

मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बसपा ने कर्नाटक के अलावा अन्य किसी भी प्रदेश में किसी भी पार्टी के साथ समझौता या गठबंधन नहीं किया है। पिछले दो तीन दिन से मीडिया में खबरें प्रचारित की जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिये सपा और बसपा का गठबंधन हो गया है या होने वाला है, जो गलत है। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा तथा अन्य किसी पार्टी के साथ जब भी लोकसभा चुनाव के लिये गठबंधन होगा, तो वह गुपचुप नहीं बल्कि खुलकर होगा।

मायावती का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा द्वारा सपा उम्मीदवारों को समर्थन दिये जाने की अटकलें जोरों पर हैं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बसपा ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी के लोग अपना वोट नहीं डालेंगे। वे अपने मताधिकार का ‘सही’ इस्तेमाल करेंगे।

उनके पूर्व में दिए गए निर्देशों के मुताबिक जो भी दूसरा उम्मीदवार भाजपा को हराने की स्थिति में होगा, बसपा के लोग उसे ही वोट देंगे। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में आगामी राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में भाजपा को हराने के लिए अगर सपा या बसपा के विधायक अपना वोट ‘ट्रांसफर’ कर देते हैं, तो भी यह चुनावी गठबंधन नहीं माना जाएगा।

मायावती ने सपा और कांग्रेस को फॉर्मूला देते हुए कहा, ‘‘बसपा अपने बलबूते पर किसी को भी राज्यसभा नहीं भेज सकती। ना ही सपा के पास इतने विधायक हैं कि वह दो राज्यसभा सदस्य चुनकर भेज दे। उसे अपना दूसरा सदस्य जिताने के लिए और सदस्यों की जरूरत होगी, इसलिए हमारी पार्टी के लोगों ने सपा के लोगों से बात करके निर्णय लिया है कि हमारी पार्टी का कार्यकर्ता राज्यसभा में जाएगा। बदले में हम उन्हें विधान परिषद चुनाव में मदद कर देंगे।’’

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश में बसपा ने कांग्रेस को वोट दिया तो वह वहां अपना एक राज्यसभा सदस्य जिता सकती है। अगर कांग्रेस चाहती है कि वहां से उसका प्रत्याशी आसानी से राज्यसभा चुनाव जीत जाए तो उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के सातों विधायकों को बसपा एजेंट को दिखाकर वोट देना होगा। मायावती ने कहा कि अभी लोकसभा चुनाव घोषित नहीं हुए हैं और उनकी पार्टी उन चुनाव में सही समय पर अंतिम निर्णय लेगी। वह गठबंधन करते वक्त यह देखेंगी कि उनकी पार्टी को गठबंधन के तहत सम्मानजनक संख्या में सीटें मिल रही हैं या नहीं।

बहरहाल, मायावती के इस बयान से आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशों को नया जीवन मिल सकता है।

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