लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की बेसिक शिक्षामंत्री अनुपमा जायसवाल पर पार्टी के ही सांसद ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों को लेकर उन्होंने योगी से शिकायत भी की है, जिसके बाद विपक्ष ने जायसवाल को बर्खास्त कर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। उत्तर प्रदेश के घोसी से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर का आरोप है कि बच्चों के जूते-मोजे खरीदने के टेंडर में मंत्री द्वारा अपने लोगों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है। राजभर ने इन आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। उन्होंने मंत्री पर सरकारी ठेकों में गंभीर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में राजभर ने बेसिक शिक्षा मंत्री, बाल विकास एवं पुष्टाहार के उच्चाधिकारियों पर बड़े पैमाने पर जनता से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुष्टाहार विभाग के टेंडर में भी निजी लोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। सांसद के मुताबिक पिछले 10 महीने से मऊ में पौष्टिक आहार की आपूर्ति नहीं हो रही है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि आपूर्ति एक भी दिन रुकनी नहीं चाहिए। सरकार के अधिकारी बड़े पैमाने पर धांधली करने में जुटे हुए हैं, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से त्वरित जांच कराने का आग्रह किया है। वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि योगी सरकार अनुपमा जायसवाल को तुरंत बर्खास्त करे और मामले की जांच कराए।
राजपूत ने कहा, ‘यह आरोप विपक्ष ने नहीं बल्कि उनके अपने सांसद ने लगाया है। इसीलिए अनुपमा को तत्काल बर्खास्त किया जाए और मामले की जांच कराई जाए। यदि आरोप झूठे हैं तो सांसद के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।’ इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सांसद ने जो आरोप लगाए हैं, वह वाकई गंभीर हैं और सरकार इसकी जांच कराएगी। जांच के बाद जो उचित होगा वह कदम उठाया जाएगा। जायसवाल की बर्खास्तगी के सवाल पर त्रिपाठी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि इस समय विपक्ष की स्थिति शून्य हो गई है लेकिन अपने ही लोग विपक्ष का काम करने में लगे हुए हैं।
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