अलीगढ़: अलीगढ़ के सांसद सतीश कुमार गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को चिट्ठी लिखकर यूनिवर्सिटी परिसर में लगी जिन्ना की तस्वीर पर सवाल खड़े किए हैं। सांसद ने एएमयू को उपकुलपति को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि मुझे पता चला है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में जिन्ना की तस्वीर लगी है मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि यह तस्वीर एएमयू में किस विभाग में और किन कारणों से लगी हुई है। कृपया इस संबंध में स्मपूर्ण जानकारी प्राप्त कर मुझे अवगत कराने का कष्ट करें साथ ही उन कारणों का उल्लेख करें जिनकी वजह से ये तस्वीर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगाने की मजबूरी बनी हुई है। सांसद सतीश गौतम की इस चिट्ठी के इस मामले पर हंगामा मच गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि ये तस्वीर छात्र संघ के सेंट्रल हॉल में लगी है। साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र संघ को स्वतंत्र संस्था बताते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है।
वहीं छात्र संघ ने जिन्ना की तस्वीर पर बोलते हुए कहा है कि जिन्ना देश बंटवारे से पहले 1938 में एएमयू आए थे, तभी उन्हें यूनियन की सदस्यता दी गई थी। यूनियन ने सबसे पहले मानद सदस्यता गांधीजी को 1920 में दी थी। इस हाल ऐसे सभी लोगों की तस्वीर लगी है जिन्हें यूनियन की आजीवन सदस्यता दी गई है। इनमें से जिन्ना भी एक हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद देश और विदेश के करीब 100 लोगों को छात्र संघ की आजीवन सदस्यता प्रदान की जा चुकी है। उन सभी की फोटो यूनियन हाल में लगी हुई है। इनमें जिन्ना साहब की फोटो भी है। एएमयू छात्र संघ के कैबिनेट सदस्य मोहम्मद नदीम ने इस मुद्दे पर कहा है कि सांसद ये कोई बताएंगे कि किसकी तस्वीर लगानी है और किसकी हटानी है।
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