दलित के घर योगी आदित्यनाथ के खाना खाने को मायावती ने बताया ड्रामा, कहा-चुनाव आते ही पिक्चर क्लिक करवाने जाते हैं
सोमवार देर रात सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रतापगढ़ में रहने वाले दलित दयाराम सरोज के घर खाना खाया था।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार देर रात में प्रतापगढ़ मे दलितों के घर भोजन करने को मायावती ने ढोंग बताया है। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी और योगी आदित्यनाथ को इस मुद्दे पर जमकर आड़े हाथ लिया। मायावती ने कहा कि हर कोई जानता है कि बीजेपी दलितों को लेकर किस प्रकार की सोच रखती है। जब वो दलितों के घर भोजन करने के लिए जाते हैं तो खाना और बर्तन दोनों मंत्री के घर के होते हैं।
वास्तव में दलित की परछाई तक में ना जाएं। पहले कांग्रेस और बीजेपी ये ही कर रही हैं। उन्हें दलितों और पिछड़ों की चिंता नहीं लेकिन जब चुनाव आते हैं वो ड्रामा और फोटों खिचवाने पहुंच जाते हैं। कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लोग और बेवकूफ नहीं बनाए जा सकते वो सच्चाई जानते हैं। दरअसल ये सारा मुद्दा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘ग्राम स्वराज अभियान’ के तहत प्रतापगढ़ के ग्राम कंधई मधुपुर में आयोजित ‘रात्रि चैपाल’ कार्यक्रम से जुड़ा है।
इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्र ने गांव में पहुंचकर जनता की समस्यायें सुनीं और देर रात दलित दयाराम सरोज के घर खाना खाया। इस अवसर पर उनके साथ क्षेत्रीय लोग भी थे। उन्होंने गांव में रात में लगाई गयी चौपाल में कहा कि राज्य सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धान्त पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराये हैं। किसानों के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
विकास की योजनाओं का लाभ हर गरीब तक पहुंचेगा। इस मौके पर सीएम ने ग्रामवासियों को अपने करीब बैठाया और अधिकारियों के समक्ष एक-एक ग्रामवासी से उसकी समस्याओं के बारे में पूछा। योगी ने उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, पाइप पेयजल योजना आदि के सम्बन्ध में जनता से जानकारी प्राप्त की। सीएम के इस दौरे के बाद मायावती ने इसे ड्रामा बताते हुए सिर्फ चुनावी राजनीति करार दिया है।