नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक बार फिर से टेंशन का माहौल है। इस बार ये टेंशन भीम आर्मी के ज़िला अध्यक्ष के भाई की हत्या को लेकर है जिसके बाद इंटरनेट सेवाएं अनिश्चितकाल के लिये बंद कर दी गई हैं। घरवालों ने चार लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है साथ ही 50 लाख के मुआवज़े की मांग की है। प्रशासन हालात को संभालने की कोशिश में जुटा है। बुधवार को महाराणा प्रताप भवन के विवादित स्थल के पास भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल सिंह वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया की गोली लगने से मौत हो गई। आरोप है कि हत्यारे भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष कमल वालिया की हत्या करना चाहते थे क्योंकि हत्या की धमकी का एक वीडियो मंगलवार रात से ही वायरल हो गया था।
भीम आर्मी का आरोप है कि सत्ता के दबाव में प्रशासन ने महाराणा प्रताप भवन में महाराणा प्रताप जयन्ती मनाने की इजाजत दी थी जबकि प्रशासन को पहले ही इस मामले में तनाव बढ़ने की खबर दे दी गई थी। कथित तौर पर राजपूत समुदाय के लोग अनुमति मिलने के बाद से हाथ में हथियार लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। सचिन की हत्या के बाद जिला अस्पताल को भीम आर्मी ने घेर लिया। बढ़ते तनाव को देखते हुए यहां पर फौरन भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी, आरएएफ़ को तैनात कर दिया गया और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई।
अस्पताल को घेरे लोग पोस्टमार्टम ना कराने की मांग पर अड़े थे। घरवालों ने राजपूत महासभा के चार लोगों शेर सिंह राणा, कान्हा राणा, नागेंद्र राणा और उपदेश राणा के खिलाफ तहरीर दी है और विवादित स्थल पूरी तरह से बंद करने की मांग की है। हालांकि प्रशासन फिलहाल इस मामले को संदिग्ध मानकर जांच कर रहा है। किस जगह घटना हुई, उससे जुड़े तथ्यों को भी जुटाया गया है।
पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। दलित बहुल इस गांव में राजपूत समाज ने महाराणा प्रताप भवन बनवाया है। राजपूत समाज महाराणा प्रताप जयन्ती कार्यक्रम की तैयारियां कर रहा था। पिछले साल इसी दिन दलितों के उग्र प्रदर्शन के मद्देनज़र ज़िला प्रशासन ने इस भवन में किसी भी कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी थी लेकिन कल अचानक प्रशासन ने 150 लोगों को कार्यक्रम की अनुमति दे दी। मगर इस बीच संजीव वालिया की गोली मारकर हत्या को लेकर माहौल फिर से तनावपूर्ण हो गया।
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