राम मंदिर भूमि पूजन: 24 घंटे बाद सदी का सबसे बड़ा अनुष्ठान, राम की नगरी अयोध्या में दिवाली शुरू
पूरा देश सांसे थाम कर अयोध्या की तरफ देख रहा है और 5 अगस्त की तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 24 घंटे बाद भूमि पूजन है लेकिन उसके पहले का अनुष्ठान शुरू हो चुका है। कल दोपहर भारत की सभ्यता और अस्तित्व के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे।
अयोध्या: आज अयोध्या क्या पूरा देश राम नाम के रस में भीगा नज़र आ रहा है। पूरा देश सांसे थाम कर अयोध्या की तरफ देख रहा है और 5 अगस्त की तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 24 घंटे बाद भूमि पूजन है लेकिन उसके पहले का अनुष्ठान शुरू हो चुका है। कल दोपहर भारत की सभ्यता और अस्तित्व के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे। जिस घड़ी का इंतजार देश के करोड़ों हिंदुओं को सदियों से था वो घड़ी बस उंगलियों पर गिनी जा सकती है। कल का सूरज उगते ही अयोध्या एक नए इतिहास की इबारत लिखेगा। अयोध्या में राममंदिर निर्माण की पहली ईंट रखी जाएगी और इसी के साथ वहां भव्य राममंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। पीएम मोदी अपने हाथों से मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखेंगे।
अभेद्य सुरक्षा, खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर
आपको बता दें कि कल दोपहर 12.15 बजे का शुभ मुहूर्त है। अयोध्या में भूमिपूजन की तैयारी करीब-करीब पूरी हो चुकी है। इस बीच वहां इस खास कार्यक्रम से पहले अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर है। शिलान्यास का प्रोग्राम को देखते हुए ड्रोन से भी नजरें रखी जा रही हैं। अलग-अलग सुरक्षा बलों की 50 से ज्यादा कंपनियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही 8 पुलिस अधिक्षकों की भी तैनाती की गई है।
मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोग
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने कई ट्वीट और संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 लोगों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा हैं। ट्रस्ट ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण धार्मिक नेताओं सहित कुछ अतिथियों को भूमि-पूजन समारोह में शामिल होने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली और बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में आरोपी भाजपा की अनुभवी नेता उमा भारती ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वह भूमि पूजन में भाग नहीं लेंगी। उन्होंने कहा कि वह पूजन समाप्त होने के बाद अपनी पूजा करेंगी। ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों को ध्यान में रखते हुए वे अयोध्या के बाहर ही ‘‘भजन-कीर्तन’ का आयोजन करें।
इकबाल अंसारी को भी निमंत्रण
भूमि पूजन में आमंत्रित अतिथियों में इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। वह मंदिर-मस्जिद विवाद मामले में पक्षकार थे। 69 वर्षीय अंसारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं इसमें पक्का हिस्सा लूंगा। न्यायालय के फैसले के बाद अब विवाद खत्म हो गया है।’’ अंसारी के पिता हाशीम अंसारी इस मामले में सबसे पुराने पक्षकार थे, जिनकी 2016 में मृत्यु हो गई। उनके बाद बेटे ने इस मुकदमे को अदालत में जारी रखा। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि अयोध्या के एक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शरीफ को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया गया है लेकिन वह बड़ी उम्र और बीमारी के कारण इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। कार्यक्रम के दौरान मंच पर सिर्फ पांच लोग होंगे।
वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का किया विरोध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास महाराज, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार के तत्वाधान में भूमि पूजन का आयोजन उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरूद्ध है जिसने इसके लिए ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था। भाकपा और माकपा ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने की घटना की निंदा की थी।