नई दिल्ली: योगी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति लगाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। सरकार मुआवजा देकर जमीन को अधिकार में लेगी और इसके लिए दो महीने की डेडलाइन तय है लेकिन इन सबके बीच ज़मीन अधिग्रहण को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। बता दें कि रामनगरी में सरयू नदी के किनारे श्रीराम की 221 मीटर की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाई जानी है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को इस प्रोजेक्ट के लिए जमीनें खरीदनी है लेकिन वहां के स्थानीय निवासियों के रुख से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जमीन अधिग्रहण का काम सरकार के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि लोगों का कहना है कि वो श्रीराम की भव्य मूर्ति तो चाहते हैं लेकिन अपने आशियाने की कीमत पर नहीं।
हालांकि सरकार के मुताबिक़ दिक्कत कहीं नहीं है। सब योजना के मुताबिक ही होगा। बता दें कि सरयू किनारे धनुषधारी राम की मूर्ति कांसे की होगी और मूर्ति के ऊपर 20 मीटर ऊंचा छत्र होगा, जबकि मूर्ति का पेडस्टल क़रीब 50 मीटर का होगा।
पेडस्टल के नीचे श्रीराम से जुड़ा म्यूज़ियम बनेगा। साथ ही भगवान राम पर एक आर्ट गैलरी भी होगी। कुल मिलाकर राम मंदिर की मांग के बीच सरकार पहले अयोध्या में प्रभु राम की भव्य प्रतिमा बनाने की प्लानिंग में है लेकिन हालात देखकर लगता है कि उसकी ये राह भी बहुत आसा नहीं है।
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