नई दिल्ली: अयोध्या में 25 नवंबर को संघ परिवार के प्रस्तावित धर्मसभा से पहले पूरे अयोध्या में खौफ का साया है। मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग बेहद डरे हुए हैं। उन्हें साल 1992 की याद सताने लगी है। यही वजह है कि वो अपने घर तक छोड़कर दूसरी जगहों पर जा रहे हैं और सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इन्हीं में शामिल है बड़ी कुटिया और आलमगंज कटरा जहां के कई मुस्लिम परिवार घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं।
जो लोग घर छोड़कर जा नहीं सकते, उन्होंने अपने घरों में राशन जमा कर लिया है ताकि हालात बिगड़ने पर घरों में कैद रह सकें। वहीं बाबरी मस्जिद के पैरवीकार हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी का कहना है कि संघ की धर्मसभा को लेकर अयोध्या के मुसलमानों में दहशत है। मुसलमान काफी डरे हुए हैं और बड़े पैमाने पर पलायन करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इसको लेकर जिलाधिकारी को एक ज्ञापन देकर शहर के मुसलमानों को सुरक्षा देने की मांग भी की है।
अयोध्या के कुछ मुस्लिमों में डर इसलिए भी है क्योंकि यूपी के तमाम शहरों में वीएचपी कार्यकर्ता घूम घूम कर लोगों से अयोध्या पहुंचने की अपील कर रहे हैं और रैलियां निकाली जा रही हैं। ऐसा ही एक नज़ारा सीतापुर में भी दिखा जहां लकड़ी और प्लाईवुड से बने राम मंदिर के मॉडल को ट्रक पर रखकर पूरे शहर में घुमाया गया।
वीएचपी के कार्यकर्ता इस मॉडल को लेकर सौ गाड़ियां के काफिले के साथ अयोध्या जाने की तैयारी में है। शायद इन्हीं वजहों ने अयोध्या के मुस्लिमों में दहशत पैदा कर दी है और चुनौती है पुलिस-प्रशासन के सामने कि वो कैसे लोगों के दिलों से ये डर दूर करे।
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