अयोध्या की धन्नीपुर मस्जिद का डिजाइन जारी, 15 अगस्त से शुरू हो सकता है निर्माण
अयोध्या में 5 एकड़ जमीन में जो मस्जिद और हॉस्पिटल बनेगा उसका पहला फोटो सामने आया है। अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाले मस्जिद का यह डिजाइन लॉन्च किया गया है।
लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए दी गई पांच एकड़ भूमि पर बनने वाली मस्जिद और एक अस्पताल का डिजाइन शनिवार को जारी हुआ। इसका निर्माणकार्य अगले वर्ष 15 अगस्त से शुरू होने की उम्मीद है। मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ का गठन किया और शनिवार को यहां एक पत्रकार वार्ता में फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष जुफर फारुखी और सचिव अतहर हुसैन व अन्य सदस्यों ने मस्जिद का डिजाइन सार्वजनिक किया।
धन्नीपुर मस्जिद का डिजाइन जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आर्किटेक्चर विभाग के प्रोफेसर एसएम अख्तर ने तैयार किया है। जूम के जरिये प्रोफेसर एसएम अख्तर ने पत्रकारों को बताया कि यहां मस्जिद के अलावा, 200 बेड का एक अस्पताल, सार्वजनिक भोजनालय और आधुनिक पुस्तकालय बनाने की योजना है। प्रोफेसर अख्तर ने बताया,‘‘ मस्जिद का डिजाइन आधुनिक तकनीक से तैयार किया गया है। मस्जिद अंडाकार होगी और उसमें कोई गुंबद नहीं रहेगा। दो मंजिला मस्जिद की डिजाइन मीनार वाली परंपरा से हटकर तैयार की गई है। मस्जिद में सोलर पावर लगाया जाएगा और इसमें करीब दो हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे।’’
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद के मानचित्र का अनुमोदन हो गया तो 15 अगस्त से इसके निर्माण की शुरुआत होगी। शिलान्यास कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा,‘‘ इस्लाम में बुनियाद रखते समय उत्सव का रिवाज नहीं है और हम कोई नई रवायत नहीं शुरू करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि अस्पताल आदि के निर्माण के बाद प्रदेश और देश के उन प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया जाएगा जिन्होंने मदद की है। मस्जिद के नाम के सवाल पर उन्होंने कहा,‘‘ यह मस्जिद किसी नवाब या राजा के नाम पर नहीं होगी और व्यक्तिगत रूप में से मैंने इसे धन्नीपुर मस्जिद का नाम दिये जाने का प्रस्ताव दिया है।’’ अतहर हुसैन ने कहा कि मस्जिद तो जल्दी बन जाएगी लेकिन अस्पताल बनने में दो वर्ष का समय लगेगा।
उन्होंने बताया कि मस्जिद को इको फ्रेंडली बनाए जाने की योजना है और पर्यावरण के लिहाज से यहां दुनिया भर के पौधे लगाये जाएंगे। जेएनयू के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर और फाउंडेशन से जुड़े प्रोफेसर पुष्पेश पंत ने जूम के जरिये पत्रकारों से कहा, ''आप अतीत में नहीं भविष्य में देख रहे हैं और अब हम अपने पैरों की बेडियां तोड़कर आगे बढ़ें।'' उन्होंने मस्जिद की डिजाइन पर खुशी जताई।