नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट 11 अगस्त को 2 बजे से सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के 3 जजों की बेंच करेगी। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था।
आपको बता दें कि यह मामला पिछले 7 साल से अदालत के समक्ष लंबित पड़ा है। अपनी दलील में स्वामी ने यह भी कहा था कि उस स्थान पर बिना किसी परेशानी के पूजा अर्चना के उनके अधिकार के पालन के लिए उन्होंने पहले भी अलग से एक याचिका दायर की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 2010 में अपने आदेश में अयोध्या के 2.77 एकड़ विवादित क्षेत्र को 3 भागों में बांटने का आदेश दिया था। 3 जजों वाली बेंच ने 2:1 के बहुमत वाले आदेश में कहा था कि उक्त भूमि को 3 पक्षकारों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बांट दिया जाए।
गौरतलब है कि हालिया दिनों में अयोध्या में सरगर्मी बढ़ गई है। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। पिछले कुछ दिनों में अयोध्या में पत्थरों से लदे ट्रक आ रहे हैं। वैसे तो अयोध्या में नब्बे के दशक से ही पत्थर लाने का काम जारी है। साल 2007 तक मंदिर निर्माण के लिए लगातार पत्थर आए। इसके बाद कभी राजस्थान सरकार के खदानों के नियम बदलने की वजह से पत्थर आने में रुकावट हुई तो कभी यूपी सरकार के नियम इसके आड़े आए। ऐसे में जहां पहले करीब तीस से चालीस कारीगर पत्थर तराशने का काम करते थे वहीं उनकी तादाद घट के दस से पंद्रह के बीच रह गई।
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