अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट में 31वें दिन सुनवाई खत्म, मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी ने दी दलीलें
अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में 31वें दिन की सुनवाई खत्म हो गई है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने अदालत के सामने अपनी दलीलें रखी।
नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में 31वें दिन की सुनवाई खत्म हो गई है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने अदालत के सामने अपनी दलीलें रखी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर, 2010 के अपने फैसले में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को ‘राम लला’, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस सुनवाई से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के बारे में:
Live updates : Ayodhya Case Hearing Supreme Court Live Updates
- September 25, 2019 5:13 PM (IST) Posted by Khushbu
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 31वें दिन की सुनवाई खत्म।
- September 25, 2019 5:12 PM (IST) Posted by Khushbu
CJI रंजन गोगोई ने कहा कि पुरातत्व विभाग के अधिकारियों कि रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर के तौर पर प्रक्रिया के अनुरूप थी, आपकी कोई आपत्तियां जायज नहीं हैं, क्योंकि पहली अपील में आपने आपत्ति नहीं जताई।
- September 25, 2019 5:10 PM (IST) Posted by Khushbu
CJI ने मीनाक्षी अरोड़ा से कहा कि हमें आपका केस सुनना ही नहीं चाहिए। आपके केस का कोई आधार नहीं है। क्या आपको ट्रायल कोर्ट में जाने का मौका दिया जाना चाहिए?
जस्टिस बोबड़े: हम एक्सपर्ट्स को किस लिए appoint करते हैं और आप कह रही हैं कि उनकी रिपोर्ट का कोई आधार नहीं है। - September 25, 2019 3:53 PM (IST) Posted by Khushbu
वकील मीनाक्षी अरोड़ा ASI की रिपोर्ट पर जो सवाल उठा रही हैं, उस पर जज कह रहे हैं कि ये आपत्ति हाई कोर्ट में तब ज़ाहिर क्यों नहीं कि गई, अब क्यों इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़: रिपोर्ट पर किसी का नाम लिखा गया या नहीं summary पर किसी के हस्ताक्षर किए गए या नहीं, ये बातें हाई कोर्ट में उठाई जानी चाहिए थी, अब क्यों इस बात को उठाया जा रहा है?
मीनाक्षी: हमने तब सवाल उठाया था लेकिन कोर्ट ने कहा इस पर बाद में देखेंगे। - September 25, 2019 3:23 PM (IST) Posted by Khushbu
मीनाक्षी: तोजो-विकास और ASI की रिपोर्ट में काफी अंतर था। ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्हें वहां विध्वंस के कोई निशान नहीं दिखे, बल्कि एक बड़ा ढांचा दिखा। जस्टिस अग्रवाल ने अपनी जजमेंट में कहा कि ASI ने अच्छा काम किया है, लेकिन विध्वंस पर कुछ यात्रा वृतांतों का भी ज़िक्र किया।
जस्टिस बोबड़े: आप यह कैसे साबित करेंगी कि उस मस्जिद को गिराया गया था या वह मस्जिद खुद गिरी थी?
मीनाक्षी: जब किसी इमारत को ध्वस्त किया जाता है तो वहां जलने के निशान आदि होते हैं। उस जगह पर इस तरह की निशानियां और काले धब्बे मिले थे। - September 25, 2019 3:23 PM (IST) Posted by Khushbu
मीनाक्षी: 1 अगस्त 2002 में हाई कोर्ट ने ASI से विवादित जगह का सर्वे करने का आदेश दिया। 9 दिसम्बर 2002 में तोजो विकास ने अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद ही हाई कोर्ट ने ASI को खुदाई करने के लिए कहा। तोजो-विकास को ASI की सहायता करने के किये कहा गया।
मीनाक्षी: उस रिपोर्ट के हर अध्याय में उस शख्स का नाम है जो उसमें हिस्सेदार था। कुछ हड्डियों के टुकड़े मिले थे। केवल 25% हड्डियों की ही जांच की गई थी। ASI की रिपोर्ट में हड्डियों पर कोई अध्याय नहीं था जो कि असामान्य था।
मीनाक्षी: ASI सीधे तौर पर एक बीजेपी के एक नेता के अधीन आती थी। - September 25, 2019 12:51 PM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
अयोध्या मामला LIVE: सुप्रीम कोर्ट में 31वें दिन सुनवाई जारी, जिलानी की दलीलें खत्म
Day 31 part 3:
मीनाक्षी अरोड़ा: 1855 में पूरा विवाद शुरू हुआ। दास ने मंदिर बनने की इजाज़त मांगी थी। जिसको खारिज कर दिया गया था। वह राम चबूतरा पर मंदिर बनवाना चाहते थे। फैज़ाबाद कोर्ट ने वहां पर यथा स्थिति बनाए रखने को कहा क्योंकि 356 साल पहले मस्जिद बनाई गई थी।
मीनाक्षी: हमें यह जानना होगा कि पुरातत्व क्या होता है, यह सोशल साइंस के नेचर पर निर्भर करता है, कुछ मॉडर्न तकनीकी जैसे कार्बन कोटिंग का इस्तेमाल किया जाता है, यह सोशल साइंस से ज़्यादा नेचुरल साइंस है।
मीनाक्षी अरोड़ा: मैं गवाहों का नहीं बल्कि archeologists और इतिहासकारों का ज़िक्र करूंगी जो तथ्यों पर काम करते हैं। अगर ASI की रिपोर्ट वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है लेकिन फिर भी सेक्शन 45 के तहत इसे टेस्ट किया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट पर भी कई सवाल उठाए गए। यह रिपोर्ट जैसी है इसे वैसे ही स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
मीनाक्षी: मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने हिंदू पक्ष के द्वारा जन्मस्थान को लेकर पुरातात्विक सबूतों (ASI)को नकारते हुए कहा कि पुरातत्व विज्ञान, भौतिकी और रसायन की तरह विज्ञान नहीं है। यह एक सामाजिक विज्ञान है। और इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता। - September 25, 2019 12:49 PM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
ज़फरयाब जिलानी ने अपनी दलीलें पूरी की। मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा अब ASI की रिपोर्ट पर जिरह करेंगी।
- September 25, 2019 12:48 PM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जन्मस्थान के विवादित जगह होने को लेकर जस्टिस अशोक भूषण ने oral evidence के बारे में सवाल किये।
जिलानी: 100 पन्नो की टेस्टिमोनि में आपको एक 1 या 2 लाइन ही नहीं देखनी चाहिए बल्कि पूरी टेस्टिमोनि देखनी चाहिए।
जस्टिस बोबड़े: क्या इस बात का कोई सबूत है कि मस्जिद बनाए जाने के बाद हिन्दू वहां जाकर पूजा अर्चना करना चाहते थे लेकिन मुसलमानों ने उन्हें रोका?
जिलानी: इस बात का कोई सबूत नहीं है, कोई दस्तावेज़ नहीं है।
जस्टिस भूषण: हिंदुओं ने पहली बार अंदर जाकर पूजा अर्चना कब की? इसका कोई सबूत है?
जिलानी: 1865 के आसपास हिंदुओं ने बाहरी हिस्से में जाकर पहली बार पूजा अर्चना करनी शुरू की। अंदर जाकर पूजा अर्चना करने का कोई सबूत नहीं है।
जिलानी: 1858 में अंदरूनी हिस्से में पहली बार एक गैर-हिन्दू सिख दाखिल हुआ था। उस शख्स ने वहां एक झंडा लगाया था।
जस्टिस बोबड़े: सिख भी भगवान राम में विश्वास रखते थे, उनकी सीख में भी भगवान राम का ज़िक्र है। - September 25, 2019 12:47 PM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जिलानी: ऐसा कोई दस्तावेज़ नहीं है जो यह कहता हो कि अंदरूनी आंगन भगवान राम का जन्मस्थान है।
जस्टिस चंद्रचूड़: यह उनके गज़ेटियर में है कि चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है और यह बीच वाले गुम्बद से 40-50 फ़ीट की दूरी ओर है।
जिलानी: यह उनका विश्वास है हमारा नहीं।
जस्टिस भूषण: ब्रिटिश लोगों ने उस जगह को अंदरूनी और बाहरी आंगन में बांट दिया था, इसलिए उन्होंने बाहरी आंगन में चबूतरे पर प्रार्थना करना शुरू कर दिया।
जस्टिस चंद्रचूड़: सभी गज़ेटियर इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि मौजूदा स्थान ही भगवान राम का जन्मस्थान है। - September 25, 2019 11:45 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जिलानी ने 1862 की एक रिपोर्ट का ज़िक्र किया जिसमें एक और मन्दिर को जन्मस्थान मन्दिर कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक रामकोट किले में एक जगह है जिसे भगवान राम का जन्मस्थान कहा गया है। (रामकोट किला भगवान राम का महल माना जाता है। हालांकि इसका ज़िक्र कहीं नहीं किया गया है। अब सिर्फ इसके अवशेष बचे हैं। उसी पर अब अयोध्या में रामकोट नाम का एक बड़ा मोहल्ला बना है।)
- September 25, 2019 11:44 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जफरयाब जिलानी- जिला न्यायाधीश ने कहा था कि राम चबूतरा भगवान राम जन्मस्थान है। हमने कभी ऐसा नहीं कहा।
- September 25, 2019 11:44 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
सुन्नी वक्फ बोर्ड का यही कहना है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ लेकिन जन्म की सटीक जगह विवादित स्थान नहीं है।
जिला न्यायाधीश की तरफ से इसपर की गई टिप्पणी पर हम कोई कदम नहीं उठा रहे।
बैकग्राउंड
कल जिलानी ने कोर्ट में खुद माना था कि राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है, लेकिन आज उस बात से पलट गए।
- September 25, 2019 11:43 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जिलानी की तरफ से उनकी एक असिस्टेंट कोर्ट में एक गज़ेटियर पढ़ रही है
- September 25, 2019 11:43 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
एक वकील हिमांशु शेखर झा ने कहा कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने राम जन्मस्थान को लेकर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है और राम चरित मानस पर सवाल उठाया है, उसके खिलाफ दलील देना चाहते है।शेखर झा ने कहा कि राम चरित मानस दुनिया की सबसे ज़्यादा प्रमाणिक दस्तवेज़ और इतिहास है।
कोर्ट ने पूछा आप किसकी तरफ से हैं। शेखर ने कहा किसी की तरफ से नहीं। लेकिन रामचरित मानस को लेकर दलील देना चाहता हूँ।
कोर्ट ने सुनने से मना किया
- September 25, 2019 11:43 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जिलानी: सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बात को स्वीकार नहीं करता कि राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है। हमारा दृष्टिकोण ये है कि ये उनका विश्वास है और हम इस सम्बन्ध में किसी जिला न्यायाधीश द्वारा इस पर टिप्पणी के के बाद कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
जिलानी: जिला न्यायाधीश ने कहा था कि ये राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है। हमने कभी अपनी ओर से नहीं कहा कि ये जन्मस्थान है।
- September 25, 2019 11:42 AM (IST) Posted by Sachin Chaturvedi
जिलानी: सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बात को स्वीकार नहीं करता कि राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है।
जबकि कल जिलानी ने कोर्ट में खुद माना था कि राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थान है, लेकिन आज उस बात से पलट गए।