लखनऊ (उत्तर प्रदेश): लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड में सरकार ने सभी मांगें मानते हुए परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिया गया है। इसके अलावा विवेक तिवारी की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाएगी। यूपी सरकार ने इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में जरुरत पड़ने पर मामले की CBI जांच के लिए भी सरकार तैयार है। आपको बता दें बीती रात दो पुलिसवालों ने एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है विवेक पर गोली चलाने वाले पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने कहा कि मैंने जानबूझकर गोली नहीं मारी। मैंने उसे डराने के लिए पिस्टल निकाली। वो पहले से लोड थी और गोली चल गई।
CM योगी ने कहा- जरूरत पडी तो होगी सीबीआई जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात को गम्भीरता से लेते हुए आज कहा कि जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी कराई जाएगी। दूसरी तरफ मृतक के परिजनों ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत में योगी ने कहा, "लखनऊ में कोई एनकाउंटर नहीं हुआ है। पूरे मामले के संबंध में डीजीपी को निर्देश दिया गया है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने यहां बताया कि सना खान नामक महिला ने आज सुबह मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी (38) के साथ कार से घर जा रही थीं। रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी। तभी सामने से दो पुलिसकर्मी आए, तो उन्होंने (गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ते हुए उनसे) बच निकलने की कोशिश की। इस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और जब वह नहीं रूके तो उन्होंने गोली चला दी। इस कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकराई।
उन्होंने बताया कि कार के जोर से टकराने की वजह से विवेक को सिर में चोट आई और काफी खून बहने लगा। सना ने मदद मांगी, कुछ ही देर बाद आई पुलिस ने विवेक को अस्पताल पहुंचाया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता था।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे। प्रथम दृष्ट्या दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आवश्यकता पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे।
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