लखनऊ। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में मौत मामले में सुसाइड नोट में करीबी शिष्य आनंद गिरी का नाम आने पर सफाई दी है। महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि ने इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत में कहा कि मेरा नरेंद्र गिरि से कोई विवाद नहीं था। पूरा मामला एक साजिश है। मुझे साजिश में फंसाया जा रहा है। महंत जी ने आत्महत्या नहीं की है उनकी हत्या हुई है। बड़ी-बड़ी हवेली वालों ने साजिश रची है। हनुमान जी का पैसा लूटा जा रहा था। नरेंद्र गिरि जी ने मेरी वजह से आत्महत्या नहीं की है। मठ की संपत्ति के लिए दूसरों से विवाद था, मुझसे नहीं। करोड़ों की हवेलियों में रहने वालों ने साजिश रची है। आनंद गिरि ने प्रदेश सरकार से निष्पक्ष जांच की गुजारिश की है।
मठ के पैसे चुराने वालों ने महंत जी की हत्या की- आनंद गिरि
आनंद गिरि ने कहा कि मठ के पैसों पर कई लोगों की नजर थी। मठ के पैसे चुराने वालों ने महंत जी की हत्या की। मठ के पैसों से लोगों ने बड़े-बड़े घर बनाए। महंत जी की हत्या में मुझे फंसाया जा रहा है। मेरे गुरुजी आत्महत्या नहीं कर सकते। बता दें कि, महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें शिष्य आनंद गिरि को खुदकुशी के लिए जिम्मेदार बताया गया है। प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने कहा कि नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में वसीयत नामा लिखा। सुसाइड नोट में आनंद गिरी को खुदकुशी का जिम्मेदार हठराया गया। सुसाइड नोट में कई तरह की बातों का जिक्र किया गया है। ऐसा लगता है महंत नरेंद्र गिरि अपने शिष्य आनंद गिरि से दुखी थे।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी गद्दी मठ में मृत मिले
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को यहां स्थित अपने बाघंबरी गद्दी मठ में मृत मिले। मठ के बाहर जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद हैं तथा अभी किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। नगर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि महंत की मृत्यु फांसी लगने से हुई है। उन्होंने आगे और जानकारी नहीं दी। गिरि निरंजनी अखाड़े के सचिव भी थे। महंत नरेंद्र गिरि के कमरे में 5 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है। यूपी के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट में आनंद गिरि को जिम्मेदारी बताया गया है। सुसाइड नोट में आनंद गिरि को खुदकुशी का जिम्मेदारी ठहराया गया है।
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