यूपी में और भी अनामिका शुक्ला की तलाश, सरकार कराएगी कस्तूरबा विधालयो के सभी टीचरों की जांच
उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में इस समय अनामिका शुक्ला नाम की टीचर ने हलचल मचा रखी है।
उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में इस समय अनामिका शुक्ला नाम की टीचर ने हलचल मचा रखी है। एक नाम से 9 जगह नौकरी करने के घोटाले के फाश होने बाद से राज्य के शिक्षा विभाग की काफी किरकिरी हो रही है। अब यूपी में अनामिका शुक्ला के नाम और उनकी डिग्री पर नौ जगह टीचर की नौकरी करने के फ्रॉड के सामने आने के बाद अब विभाग कस्तूरबा विधालयो में पढ़ा रही सभी टीचर्स की डिग्री,डाक्यूमेंट्स,फ़ोटो की की जांच करने जा रहा है। यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने इंडिया टीवी से कहा कि अब असली अनामिका शुक्ला का पता चल गया है ।
शिक्षा मंत्री ने बताया क अभी तक की जांच में पता चला है कि अनामिका शुक्ला के नाम और डिग्री पर वाराणसी,अलीगढ़, कांसगंज,अमेठी, रायबरेली,प्रयागराज, बागपत,सहारनपुर और अम्बेडकरनगर में फ्रॉड कर टीचर नौकरी कर रही है। इन सभी फर्जी अनामिका शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है,एक फर्जी अनामिका शुक्ला पकड़ भी गई है। बाकी की तलाश जारी है। लेकिन इस फ्रॉड के बाद अब सभी टीचर की डिग्री और आधार कार्ड और दूसरे डाक्यूमेंट्स दुबारा चेक कराये जाएंगे।
बर्खास्त शिक्षकों से 1.37 करोड़ वसूली का नोटिस
श्रावस्ती के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे नौकरी करने पर बर्खास्त किये गए छह शिक्षकों को एक करोड़ 37 लाख रुपये की वसूली के लिये नोटिस जारी किया है। बहराइच के बेसिक शिक्षा अधिकारी भी ऐसे चार बर्खास्त शिक्षकों से लाखों रुपये की वसूली के लिये नोटिस जारी कर चुके हैं। श्रावस्ती जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ओंमकार राणा ने बुधवार को बताया कि पिछले वर्ष विभाग में फर्जी अभिलेखों व अभिलेखों में हेराफेरी कर प्रधान अध्यापक व सहायक अध्यापक की नौकरी करते आधा दर्जन लोग पकड़े गये थे। उन्होंने कहा कि जांच में प्रमाण-पत्र फर्जी मिलने पर नौकरी कर रहे इन शिक्षकों को बर्खास्त कर इनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज हुए थे। उन्होंने बताया कि बहराइच के अजीत शुक्ल टीईटी अनुत्तीर्ण थे। इन्होंने किसी अन्य अभ्यर्थी का टीईटी पास प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी हासिल कर ली थी। विभाग ने इन्हें बर्खास्त कर इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। शुक्ल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके मुताबिक संतकबीर नगर के शोभनाथ, गोरखपुर के राजीव उपाध्याय तथा बलरामपुर के कन्हैया सिंह दूसरे लोगों के प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी कर रहे थे। बीएसए ने बताया कि एटा के मनोज कुमार व फीरोजाबाद के राजकुमार ने अंक-पत्र में हेराफेरी कर नौकरी पाई थी। इन पांचों को बर्खास्त कर मुकदमा दर्ज कराया गया था। अभी तक ये पांचों फरार हैं। पुलिस इन्हें तलाश रही है।