अलीगढ़। केंद्र की मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ऐसे मामले आम हो गए थे जब कुछ लोगों ने सरकार के विरोध में साहित्य अकादमी के पुरस्कार वापस लौटा दिए थे, लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें आरोप है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने अपने एक छात्र को दी PhD की डिग्री सिर्फ इसलिए वापस मांग ली है, क्योंकि छात्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। हालांकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रशासन इन आरोपों को आधारहीन बता रहा है।
मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के PhD स्कॉलर दानिश रहीम ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने उसे अपनी PhD की डिग्री इसलिए वापस करने को कहा है, क्योंकि उसने मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। दानिश रहीम ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। दानिश ने बताया कि उसे विश्वविद्यालय की तरफ से मार्च 2021 में PhD की डिग्री दी गई थी लेकिन अगस्त 2021 में उसके पास पत्र आता है जिसमें कहा जाता है कि उसकी डिग्री गलत है।
दानिश ने यह भी बताया कि पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने AMU के एक कार्यक्रम को संबोधित किया था और उसके बाद उसने मीडिया में प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की थी। उसने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा के बाद उसके साथ AMU में खराब बर्ताव शुरू हो गया था और जब PhD के लिए वायवा होना था तो चेयरमैन ने बुलाकर कहा था कि किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति इस तरह खुलकर नहीं बोलना चाहिए।
हालांकि AMU प्रशासन ने दानिश के लगाए आरोपों को आधारहीन बताया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता सैफई किदवई ने बताया कि दानिश विश्वविद्यालय से एमए तथा लिंग्विस्टिक विभाग से लेंग्वेज ऑफ एडवर्टाइजिंग एंड मार्केटिंग (LAM) में PhD किया है, उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का लिंग्विस्टिक विभाग लिंग्विस्टिक्स में भी PhD की डिग्री देता है और गलती से दानिश को लिंग्विस्टिक्स की डिग्री दे दी गई है जबकि उसने LAM में PhD किया हुआ है। सैफई किदवई ने कहा कि इस गलती को सुधारा जाएगा और इस घटना से राजनीति का कोई लेना देना नहीं है।
(Input-ANI)
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