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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश माता-पिता की सेवा न करने वाले संपत्ति से होंगे बेदखल!

माता-पिता की सेवा न करने वाले संपत्ति से होंगे बेदखल!

यूपी लॉ कमीशन की स्टडी में पता लगा है कि उत्तर प्रदेश माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण नियमावली-2014 और माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण अधिनियम 2007 जिन उद्देश्यों से बने थे वे उसे पूरा नहीं कर पा रहे। 

Amendment maintenance Rules Of Parents And Senior Citizens in uttar pradesh माता-पिता की सेवा न करने- India TV Hindi Image Source : PTI Representational Image

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में माता-पिता की संपत्ति हड़प कर उन्हें घर से बाहर निकालने वाली संतानों की अब खैर नहीं। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली 2014 में संशोधन किया जाएगा। इसमें बेदखली की प्रक्रिया जोड़ी जाएगी। राज्य विधि आयोग ने संबंधित प्रस्ताव का प्रारूप तैयार कर शासन को भेजा है। आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन में बच्चों के साथ रिश्तेदारों को भी जोड़ा गया है। यह प्रक्रिया भी जोड़ी गई है कि किस तरह पीड़ित पक्ष अपने मामले को पहले एसडीएम और फिर प्राधिकरण के समक्ष रख सकता है। गौरतलब है कि उतर प्रदेश में माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावाली वर्ष 2014 में प्रभाव में आई थी। परन्तु इस नियमावली में वृद्घ माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों की सम्पत्ति के संरक्षण हेतु विस्तृत कार्य योजना नहीं बन सकी थी।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय के भी संज्ञान में वृद्घ माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों के बच्चों द्वारा उनकी सम्पति से उन्हें बेदखल करने की कोशिशों के मामले सामने आए हैं। न्यायालय ने भी अपने कई निर्णयों में माना कि वृद्घ माता-पिता की देखभाल न करके उनको उन्हीं के घर में बेगाना बना दिए जाने के प्रकरण अत्यन्त शर्मनाक है।

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दरअसल, यह नियमावली 2014 में ही बना दी गई थी, लेकिन इसमें वृद्घ माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की संपत्ति को संरक्षित करने के लिए विस्तृत कार्य योजना नहीं बनाई गई। कोर्ट से मिल रहे निर्णयों से पता चला है कि बूढ़े माता-पिता को उनके ही बच्चे उनकी प्रॉपर्टी से निकाल देते हैं, या उनका ख्याल रखने की जगह घर में माता-पिता से पराया व्यवहार करते हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने अपनी रिसर्च के बाद यह डाटा तैयार किया है। रिसर्च में पता चला है कि माता-पिता की देखभाल न करके उनको उन्हीं के घर में बेगाना बना देते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अध्यादेश की मंजूरी के बाद बुजुर्ग मां-बाप की सेवा न करने वालों को प्रॉपर्टी से ही बेदखल कर दिया जाएगा।

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यूपी लॉ कमीशन की स्टडी में पता लगा है कि उत्तर प्रदेश माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण नियमावली-2014 और माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण अधिनियम 2007 जिन उद्देश्यों से बने थे वे उसे पूरा नहीं कर पा रहे। ऐसे में आयोग ने खुद ही नियमावली-2014 की विस्तृत कार्य योजना बनाई है और बेदखल की प्रक्रिया को भी शामिल करते हुए संशोधन का ड्राट तैयार किया है। जल्द ही शासन इसपर फैसला लेगा। आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने बताया कि शासन को प्रारूप का प्रतिवेदन चार दिसंबर को प्रस्तुत किया गया है।

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