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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दुबे एनकाउंटर मामले की जांच संबंधी याचिका खरिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दुबे एनकाउंटर मामले की जांच संबंधी याचिका खरिज की

इलाहबाद उच्च न्यायालय ने गैंग्सटर विकास दुबे एनकाउंटर मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी है। 

Allahabad HC dismisses plea seeking judicial probe into Vikas Dubey's encounter - India TV Hindi Image Source : FILE Allahabad HC dismisses plea seeking judicial probe into Vikas Dubey's encounter 

लखनऊ। इलाहबाद उच्च न्यायालय ने गैंग्सटर विकास दुबे एनकाउंटर मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग वाली एक याचिका खारिज कर दी है। राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि इस बाबत पहले ही न्यायिक आयोग गठित कर दिया गया है और एसआईटी विकास दुबे द्वारा बीते 2 और 3 जुलाई को 8 पुलिस कर्मियों की हत्या मामले की और 10 जुलाई को उसके एनकाउंटर मामले की जांच करेगी। सरकारी वकील ने कहा कि याचिका बेबुनियाद है। याचिकाकर्ता ने बाद में याचिका वापस ले ली। विकास दुबे एनकाउंटर मामले में नंदिता ठाकुर की ओर से हाई कोर्ट (लखनऊ बेंच) में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि कोर्ट आयोग बनाकर सिटिंग जज या रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच कराए। वहीं, इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अडिशनल ऐडवोकेट जनरल विनोद कुमार शाही ने कोर्ट को बताया कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर दिया गया है। सीनियर आईएएस की अध्यक्षता में एसआईटी बना दी गई है। जांच भी शुरू हो गई है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पंकज जायसवाल और जस्टिस करुणेश पवार ने याचिकाकर्ता से कहा, 'एसआईटी और आयोग से जांच जारी है। आपकी मांगें मानी जा चुकी हैं। ऐसे में यह याचिका खारिज की जाती है।' कोर्ट ने नंदिता ठाकुर से कहा कि आपकी मांगें मानी जा चुकी हैं याचिका खारिज की जाती है। 

गौरतलब है कि, विकास दुबे एनकाउंटर मामले की ज्यूडिशियल इंक्वायरी (न्यायिक जांच) की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र द्वारा लगाई गई है। पूरे प्रकरण में न्यायपालिका की गरिमा के हनन का दावा किया गया है। मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया। याचिका पर कोर्ट ने अर्जेन्सी मानते हुए 15 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है। बता दें कि, ऐसी ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय की तरफ से दाखिल की गई है, जिसमें विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की गई है। 

दो जुलाई को बिकरू गांव में हुई घटना के अलावा 10 जुलाई तक पुलिस और इस मामले से संबंधित अपराधियों के बीच प्रत्येक मुठभेड़ की भी जांच आयोग करेगा। आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस और अन्य विभागों/व्यक्तियों से संबंध रखने और शामिल होने वाले मामले की भी जांच करेगा। आयोग दो माहीने के भीतर अपनी जांच पूरी कर लेगा।

(इनपुट-IANS)

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