मुजफ्फरनगर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का कहना है कि हर शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा का वंशज है। बाबर मूर्तिकारों के साथ भारत नहीं आया था। इराक, ईरान और अमीरात में केवल रेत के टीले हैं इसलिए यह शिल्प वहां मौजूद नहीं हो सकता इसलिए सभी मुस्लिम मूर्तिकार भगवान विश्वकर्मा के वंशज हैं।
मुजफ्फरनगर में भाजपा के राज्यसभा सदस्य एवं हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र जांगड़ा ने कहा, ''जो भी संसार में शिल्पकार्य करता है वे सारे विश्वकर्मा के वंशज हैं, केवल हिंदू नहीं, उत्तर प्रदेश हमारे मुसलमान भाई जो शिल्पकारों से भरा हुआ है, कोई बाहर से अपने साथ शिल्पकार लेकर नहीं आया था, वहां शिल्पकार हो ही नहीं सकता। इराक ईरान की धरती पर पूरे यूएई में पूरे रेत के टीले हैं, वहां घास तक पैदा नहीं होती फिर शिल्प कला कैसे पैदा होगी। उन्होंने कहा, वृक्ष या पहाड़ वहां नहीं है कि पत्थर से शिल्पकार पैदा हो, न खनिज है, न लोहा, न तांबा, न चांदी और न सोना। वहां गहराई पर जाओ तो तेल निकलता है, तेल से तो शिल्पकला नहीं, इसलिए यहां के सारे मुस्लिम भाई सारे के सारे भगवान विश्वकर्मा के वंशज हैं।''
आगे उन्होंने कहा, ''कोई कारण रहा होगा जो इनको धर्म परिवर्तन करना पड़ा, कारणों का भी मुझे अच्छी तरह से पता है मैंने इतिहास पढ़ा हैं, कुछ बातें ऐसे होती है जो मंच से कहने के लिए नहीं होती लेकिन इतनी बात जरूर है कि जहां श्रम मेहनत और पुरषार्थ को सम्मान नहीं मिलता तो आदमी प्रतिक्रिया स्वरूप उस घर को छोड़ देता। यह केवल इस्लामिक शिल्पकारों ने नहीं किया यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने भी किया उनको भी आखिरकार यह कहना पड़ा था कि मैं हिंदू पैदा जरूर हुआ हूं लेकिन हिंदू के तौर पर मरूंगा नहीं, क्योंकि एक बैरिस्टर होते हुए और अर्थशास्त्री होते हुए जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिला और शायद यही मुसलमान शिल्पकारों के साथ रहा होगा कि समाज में उनको सम्मान नहीं मिला और उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया।''
आगे उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा समाज एकजुट होकर अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाए। श्रमिकों और श्रम के सम्मान से भारत आत्मनिर्भर बनेगा।
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