ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
कुरान की छब्बीस आयतों को हटाने की याचिका पर यूपी में घमासान छिड़ा हुआ है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है।
लखनऊ: कुरान की छब्बीस आयतों को हटाने की याचिका पर यूपी में घमासान छिड़ा हुआ है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। लखनऊ में आल इंडिया शिया वक्फ बोर्ड के जलसे में वसीम रिज़वी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है। शिया धर्मगुरुओं ने वसीम रिज़वी को गिरफ्तार करने की मांग की है। कहा गया कि कुरान की तौहीन करने वाले पर कार्रवाई की जाए और सुप्रीम कोर्ट छब्बीस आयतें हटाने की याचिका को खारिज करे।
शिया नेताओं ने कहा कि कुरान की खिलाफत करने वाला अपने आप इस्लाम से खारिज हो चुका है। इसके साथ ही ये ऐलान किया गया कि 22 मार्च को सभी मुस्लिम रात के 9 बजे अपने घरों, मस्जिदों और इमामबाड़े में कुरान पढ़ेंऔर इसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करें। साथ ही सोशल मीडिया पर प्रोफाइल में कुरान की तस्वीर लगाएं।
वहीं जहां एक तरफ शिया पर्सनल लॉ बोर्ड वसीम रिजवी के खिलाफ हो गया और पूरे देश में मुस्लिम समुदाय के लोग गुस्सा हैं, इस बीच वसीम रिज़वी का नया बयान सामने आया है। वसीम रिजवी ने वीडियो जारी करके कहा है कि वो अपनी मांग पर कायम हैं। 26 आयतों को हटाने को लेकर उनके परिवार के लोगों ने उन्हें छोड़ दिया है। इसके बावजूद वो आखिरी दम तक लड़ेंगे।
आपको बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। अपनी याचिका में वसीम रिजवी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है। उनकी इस पीआईएल पर विवाद पैदा हो गया है क्योंकि कई मुस्लिम मौलानाओं का कहना है कि कुरान से कुछ भी नहीं हटाया जा सकता।
वसीम रिजवी ने अपनी पीआईएल में कहा है कि कुरान की इन 26 आयतों में हिंसा की शिक्षा दी गई है और कोई भी ऐसी तालीम जो आतंकवाद को बढ़ावा देती है, उसे रोका जाना चाहिए। रिजवी ने कहा है कि देशहित मे कोर्ट को इन आयतों को हटाने के आदेश देने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन आयतों को कुरान में बाद में शामिल किया गया है। रिजवी का कहना है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर, दूसरे खलीफा हजरत उमर और तीसरे खलीफा हजरत उस्मान ने कुरान की आयतों को इकट्ठा करके उसे किताब की शक्ल में जारी किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि इन तीनों खलीफाओं ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करके इस तरह की आयतों को डाल दिया।