नई दिल्ली: अयोध्या में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के लिए भूमिपूजन करेंगे जिसके बाद मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। वहीं, भूमिपूजन से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने राम मंदिर के निर्माण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'अन्यायपूर्ण और अनुचित" बताया है। एआईएमपीएलबी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है और हागिया सोफिया मस्जिद का उदाहरण देते हुए कहा बाबरी मस्जिद थी हमेशा रहेगी।
एआईएमपीएलबी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ''बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी। हागिया सोफिया इसका एक बड़ा उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण निर्णय द्वारा जमीन पर पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है। दुखी होने की जरूरत नहीं है। कोई स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है।''
संगठन के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने कहा, "हमने हमेशा कहा है कि बाबरी मस्जिद को कभी भी किसी मंदिर या किसी हिंदू पूजा स्थल को ध्वस्त करके नहीं बनाया गया था।" रहमानी ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है कि मस्जिद में 22 दिसंबर, 1949 को मूर्तियों को रखना एक गैरकानूनी कार्य था। कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी स्वीकार किया है कि 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद का विध्वंस एक गैरकानूनी, असंवैधानिक और आपराधिक कृत्य था।''
गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि को लेकर अपना फैसला सुनाया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन राम लला को सौंप दी थी और सरकार को आदेश दिया था कि मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में पांच एकड़ की जमीन दी जाए।
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