लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को फिलहाल 'होल्ड' पर रखने के फैसले के बाद बुधवार को अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हम अकेले उपचुनाव लड़ रहे हैं तो मैं पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा करुंगा जिसमें इस चीज की समीक्षा होगी कि उपचुनाव में हमारी रणनीति क्या होनी चाहिए और इसके लिए क्या किया जाना चाहिए।
बसपा प्रमुख मायावती के एलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को अपनी राह अलग करने का संकेत देते हुए कहा था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस बेमेल गठबंधन का यही अंजाम होना था।
अखिलेश ने गाजीपुर के करंडा स्थित सलारपुर में पिछले दिनों कत्ल हुए सपा कार्यकर्ता विजय यादव के घर शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद कहा ''अगर गठबंधन टूटा है, या गठबंधन के बारे में जो बात रखी गयी है, तो मैं उन पर बहुत सोच समझकर विचार करूंगा।'' उन्होंने कहा, ''जब उपचुनाव में हमारा गठबंधन है ही नहीं तो हम अपनी तैयारी करेंगे। सपा भी 11 सीटों पर पार्टी के वरिष्ठ लोगों से राय मशविरा करके अकेले चुनाव लड़ेगी। अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत है।''
सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा, ''इस समय हमारे लिये गठबंधन जरूरी नहीं है। हमारे जिस कार्यकर्ता की हत्या हुई, उसके परिवार को क्या न्याय मिलेगा, यह ज्यादा जरूरी है।''
इससे पहले, अखिलेश ने आजमगढ़ में कहा, ''2022 में उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी। यही हमारी रणनीति है।'' पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान बसपा प्रमुख मायावती द्वारा सपा के साथ गठबंधन को फिलहाल रोकने के निर्णय के मद्देनजर खासे मायने रखता है।
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